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शिया धर्मस्थल पर बमबारी की योजना, सीरिया ने आईएस की साजिश को किया नाकाम

दमिश्क। सीरिया के अंतरिम अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने दमिश्क के दक्षिण में एक शिया धर्मस्थल पर बमबारी की योजना को नाकाम कर दिया है। यह जानकारी राज्य समाचार एजेंसी सना ने शनिवार को दी।

जनरल इंटेलिजेंस डायरेक्टोरेट के एक अनाम स्रोत का हवाला देते हुए, सना ने कहा कि इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुड़े एक ग्रुप का सैय्यदा जैनब दरगाह पर हमले का इरादा था।

सना के अनुसार, सुरक्षा बलों ने हमले को अंजाम देने से पहले ही इसमें शामिल लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

अधिकारियों ने इसे ‘सीरियाई लोगों को निशाना बनाकर किया गया एक आपराधिक कृत्य’ बताया।

किसी के हताहत होने या अन्य विवरण की तत्काल जानकारी नहीं मिल पाई। सना ने यह नहीं बताया कि गिरफ्तारियां कब हुईं या संदिग्धों के खिलाफ आरोप दायर किए गए या नहीं।

सैय्यदा जैनब तीर्थस्थल एक महत्वपूर्ण शिया तीर्थस्थल है।

पिछले महीने, बशर अल-असद की सरकार के पतन के बाद, हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के कमांडर अहमद अल-शरा के नेतृत्व में एक चरमपंथी गठबंधन ने दमिश्क पर कब्जा कर लिया।

राजधानी पर नियंत्रण करने के बाद, एचटीएस कमांडर ने कहा कि सीरिया अन्य अरब देशों के लिए तनाव का स्रोत नहीं बनेगा।

अल शरा ने इस बात पर जोर दिया कि ‘क्रांतिकारी काल’ पिछली सरकार के पतन के साथ समाप्त हो गया। उन्होंने दिसंबर में पैन-अरब अखबार ‘अशर्क अल-अवसत’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “हम सीरिया को किसी अरब या खाड़ी देश पर हमला करने या उसे अस्थिर करने की अनुमति नहीं देंगे।”

अल-शरा ने कहा उनका प्रशासन अब आर्थिक सहयोग और दीर्घकालिक स्थिरता को बढ़ावा देने वाले रचनात्मक संबंधों की तलाश कर रहा है। उन्होंने नए संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए चल रही राष्ट्रव्यापी वार्ता की योजना के बारे में भी बताया, लेकिन विस्तृत जानकारी नहीं दी।

अल-शरा, जिसे अबू मोहम्मद अल-जोलानी के नाम से भी जाना जाता है, ने 12 दिनों के सैन्य अभियान का नेतृत्व किया, जिसके परिणामस्वरूप 8 दिसंबर को असद सरकार गिर गई।

Admin Desk
Author: Admin Desk

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