वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को अब पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। रविवार को मंदिर न्यास परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सावन महीने से मंदिर में किसी भी प्रकार के प्लास्टिक का प्रयोग पूरी तरह प्रतिबंधित होगा। यह निर्णय श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से लिया गया है।
बैठक के बाद मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि 2024 दिसंबर में प्लास्टिक प्रतिबंध का निर्णय लिया गया था, जिसे अब सावन के मौके पर लागू किया जाएगा। 11 जुलाई से शुरू हो रहे सावन में लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन को आएंगे, ऐसे में मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं को जागरूक करने के लिए व्यापक अभियान की योजना बनाई है।
विशेष बात यह है कि 10 अगस्त 2025 से किसी भी प्रकार के प्लास्टिक की सामग्री लेकर भक्तों को मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा। इसमें प्लास्टिक की थैलियां, बोतलें, पूजन सामग्री के पैकेट, माला, दूध और जल रखने वाले प्लास्टिक पात्र सभी शामिल हैं।
श्रद्धालुओं को जागरूक करने के लिए मंदिर प्रशासन सोशल मीडिया, बैनर, पोस्टर और स्वयंसेवकों की सहायता से एक व्यापक जन-जागरूकता अभियान शुरू करेगा। लोगों को वैकल्पिक सामग्री जैसे कांच, स्टील या मिट्टी के बर्तनों के प्रयोग के लिए प्रेरित किया जाएगा।
गौरतलब है कि मंदिर परिसर में पहले से ही सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लागू है। अब यह प्रतिबंध पूर्ण रूप से लागू कर दिया जाएगा ताकि काशी विश्वनाथ धाम पर्यावरण के लिहाज से एक आदर्श धार्मिक स्थल बन सके।
यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन और पर्यावरण संरक्षण अभियान के अनुरूप भी है। काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन का यह निर्णय देश के अन्य धार्मिक स्थलों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकता है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं।
Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.





