प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुंबई के नेवी डॉकयार्ड में तीन अग्रणी युद्धपोत—INS सूरत, INS नीलगिरी और INS वाघशीर—को राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने इसे भारत की समुद्री सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
नेवी को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ी उपलब्धि
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा, “आज भारत की समुद्री विरासत और आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए ऐतिहासिक दिन है। छत्रपति शिवाजी महाराज की धरती पर 21वीं सदी की नौसेना को सशक्त बनाने का यह बड़ा कदम है। गर्व की बात है कि ये तीनों युद्धपोत ‘मेड इन इंडिया’ हैं।
तीन प्रमुख युद्धपोतों की विशेषताएं
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INS सूरत: यह P15B गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर परियोजना का चौथा और अंतिम युद्धपोत है। इसमें 75% स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है और यह आधुनिक हथियार और सेंसर से लैस है।
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INS नीलगिरी: P17A स्टील्थ फ्रिगेट परियोजना का पहला युद्धपोत है। यह उन्नत स्टील्थ तकनीक, लंबी समुद्री क्षमता और बेहतर डिजाइन का उदाहरण है।
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INS वाघशीर: यह P75 स्कॉर्पीन परियोजना की छठी और अंतिम पनडुब्बी है। इसे फ्रांस के सहयोग से बनाया गया है और इसमें दुश्मन के रडार से बचने और सटीक हमले की विशेष क्षमता है।
नेवी की बढ़ती ताकत
पीएम मोदी ने कहा कि यह पहली बार है जब एक डिस्ट्रॉयर, फ्रिगेट और सबमरीन को एक साथ कमीशन किया गया है। इनसे भारत की नेवी न केवल सशक्त होगी बल्कि वैश्विक समुद्री ताकतों में भारत की स्थिति और मजबूत होगी।
दृष्टिकोण और लक्ष्य
तीनों युद्धपोत आत्मनिर्भर भारत की दिशा में रक्षा निर्माण और समुद्री सुरक्षा में भारत के नेतृत्वकारी दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।
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Author: Sweta Sharma
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