बिहार की राजधानी पटना में सोमवार को जबरदस्त हंगामा हो गया, जब बीपीएससी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करने जा रहे शिक्षक अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। ये अभ्यर्थी टीआरई-3 परीक्षा से संबंधित थे और उनकी मांग थी कि “वन कैंडिडेट वन रिजल्ट” का नियम लागू किया जाए।
घटना के दौरान पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच तीखी बहस भी हुई, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर जमकर लाठियां बरसाईं। इस घटना में कई शिक्षक अभ्यर्थी घायल हो गए। प्रदर्शनकारी दिलीप कुमार ने कहा, “हमें आगे नहीं बढ़ने दिया गया और हम पर लाठीचार्ज किया गया। हमारी मांग है कि बीपीएससी टीआरई-3 में ‘वन कैंडिडेट वन रिजल्ट’ लागू हो, और रिजल्ट से पहले काउंसिलिंग की जाए। बेलट्रॉन को कोई जिम्मेदारी न दी जाए। यह अन्याय हो रहा है, यह लोकतंत्र की हत्या है।”
दिलीप ने आगे कहा, “क्या लोकतंत्र में छात्रों को शांतिपूर्वक अपनी बात रखने का अधिकार नहीं है? नीतीश कुमार खुद छात्र आंदोलन से उभरे हुए नेता हैं, तो आज वह छात्र आंदोलन को क्यों दबा रहे हैं?”
इस घटना ने बिहार में शिक्षा और रोजगार से जुड़े मुद्दों पर एक बार फिर ध्यान केंद्रित कर दिया है।

Author: Sweta Sharma
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