कर्नाटक में एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार खेमे के लगभग दस कांग्रेस विधायक अचानक दिल्ली पहुंच गए हैं। इन विधायकों की मांग है कि अब समय आ गया है जब डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाया जाए। कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरे होने के साथ ही सत्ता-बंटवारे के फार्मूले को लागू करने का दबाव पार्टी हाईकमान पर बढ़ गया है।
सूत्रों के अनुसार, डीके शिवकुमार के करीबी माने जाने वाले ये विधायक गुरुवार दोपहर दिल्ली के लिए रवाना हुए, जहां वे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करेंगे और अपनी मांगों को औपचारिक रूप से रखेंगे। इसके अलावा शुक्रवार सुबह उनकी बैठक एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ भी प्रस्तावित है। विधायकों की एक ही मांग बताई जा रही है—“ढाई साल पहले किए गए वादे का सम्मान किया जाए।”
कौन-कौन पहुंचे दिल्ली?
आज दिल्ली पहुंचे विधायकों में
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दिनेश गूलीगौड़ा
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रवि गनीगा
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गुब्बी वासु
शामिल हैं।
वहीं अनेकल शिवन्ना, नेलमंगला श्रीनिवास, इकबाल हुसैन, कुनिगल रंगनाथ, शिवगंगा बसवराजू और बालकृष्ण शुक्रवार को दिल्ली पहुंचेंगे। सूत्रों के मुताबिक, डीके शिवकुमार खेमे के और भी विधायक सप्ताहांत में दिल्ली का रुख कर सकते हैं। यह संकेत है कि खेमे की तरफ़ से हाईकमान पर दबाव तेजी से बढ़ाया जा रहा है।
क्या कहा डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश ने?
दूसरी ओर, डीके शिवकुमार के भाई और बेंगलुरु Rural से सांसद डीके सुरेश ने भी सत्ता परिवर्तन की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने कहा—
“आज सिद्धारमैया के कार्यकाल का समय पूरा हो गया है। वह ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो अपनी बात से पीछे हटें। अगर भाग्यशाली रहे तो मेरा भाई मुख्यमंत्री बन जाएगा।”
ज्ञात हो कि 2023 विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहे विवाद को खत्म करने के लिए कांग्रेस ने एक आंतरिक समझौता किया था, जिसके अनुसार सिद्धारमैया ढाई साल तक मुख्यमंत्री रहेंगे और उसके बाद पद शिवकुमार को सौंपा जाना था। अब जब यह समय पूरा हो चुका है, नेतृत्व परिवर्तन की बहस एक बार फिर चरम पर है।





