पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर राजनीति गर्मा गई है। कांग्रेस ने सरकार पर पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान करने का आरोप लगाया, वहीं भाजपा ने कांग्रेस पर राजनीति करने का पलटवार किया है।
कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्री की अंत्येष्टि और स्मारक के लिए उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराने में असमर्थ है। उनका कहना है कि यह डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान का अपमान है।
भाजपा का जवाब
भाजपा प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार डॉ. मनमोहन सिंह को पूरा सम्मान देने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने कैबिनेट बैठक में उनके नाम पर एक स्मारक बनाने का फैसला किया है। इस संबंध में कांग्रेस को भी अवगत कराया गया है।”
स्मारक बनाने का निर्णय
त्रिवेदी ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष को स्मारक स्थल और अन्य प्रक्रियाओं को शीघ्र पूरा करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, “सरकार दलगत राजनीति से ऊपर उठकर नेताओं को सम्मान देती है।
भाजपा का पलटवार
भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह को उनके जीवनकाल में भी कांग्रेस ने कभी वह सम्मान नहीं दिया, जिसके वे हकदार थे। त्रिवेदी ने कहा, “दुख की इस घड़ी में राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस को इस समय राजनीति से बचना चाहिए।”
मामला क्या है?
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह को फोन कर डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक की मांग की थी। सरकार ने इस पर विचार करने के लिए कुछ समय मांगा। इसी को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए, जिससे सियासत तेज हो गई।
डॉ. मनमोहन सिंह, जो नेहरू-गांधी परिवार के बाहर पहले ऐसे प्रधानमंत्री रहे, जिन्होंने 10 साल तक देश का नेतृत्व किया, उनकी स्मृति में स्मारक बनाने के निर्णय पर राजनीति गर्मा गई है। भाजपा ने कांग्रेस से राजनीति से बचने की अपील की है, जबकि कांग्रेस इसे सम्मान का सवाल मान रही है |
Author: Sweta Sharma
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