सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर प्रतिबंध के पालन में कमी को लेकर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है। अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रतिबंध के बावजूद पटाखों का व्यापक इस्तेमाल हुआ, जिससे प्रदूषण में वृद्धि हुई। कोर्ट ने आदेश दिया है कि दिल्ली पुलिस अपने आदेश के पूर्ण पालन के लिए एक विशेष सेल बनाए और यह सुनिश्चित करे कि बिना लाइसेंस के कोई भी पटाखों का उत्पादन या बिक्री न हो।
अदालत ने टिप्पणी की कि “कोई भी धर्म प्रदूषण को बढ़ावा नहीं देता”, और प्रदूषण से जनता के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है। जस्टिस अभय एस. ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि पटाखों पर कड़ी रोक नहीं लगाई गई, जिससे लोगों के स्वास्थ्य का मौलिक अधिकार प्रभावित हो सकता है।
इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को 25 नवंबर तक हितधारकों से परामर्श के बाद पटाखों पर स्थायी प्रतिबंध पर फैसला करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की कि दिल्ली सरकार ने प्रतिबंध का एलान देरी से किया, जिससे लोगों को पहले ही पटाखे खरीदने का मौका मिल गया। कोर्ट ने यह भी पूछा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अन्य राज्यों ने प्रदूषण कम करने के लिए क्या कदम उठाए हैं।

Author: Sweta Sharma
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