जब सुविधा रोजगार छीनने लगे…
लखनऊ के कुली बोले—हम तकनीक से नहीं, बेरोजगारी से डरते हैं।
निश्चय टाइम्स, लखनऊ। राजधानी लखनऊ के प्रतिष्ठित चारबाग रेलवे स्टेशन पर हाल ही में शुरू किए गए जन सुविधा केंद्र को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। रविवार को स्टेशन परिसर में कुलियों ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की और प्रशासन के इस कदम को ‘रोजगार छीनने वाला फैसला’ बताया। कुलियों का कहना है कि यात्रियों की सुविधा के नाम पर शुरू किए गए इस केंद्र से उनकी उपयोगिता कम हो जाएगी, जिससे उनके सामने रोज़गार और जीविकोपार्जन का संकट और गहरा जाएगा। चारबाग स्टेशन पर शुरू हुए इस जन सुविधा केंद्र में यात्रियों को शुल्क के बदले व्हीलचेयर, सामान ढोने की सेवा और अन्य सहूलियतें दी जाएंगी। इस केंद्र के ज़रिए आधुनिक और निजी सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन इससे रेलवे प्लेटफॉर्म पर दशकों से मेहनत कर रहे कुलियों की भूमिका सीमित हो जाएगी।
राष्ट्रीय कुली मोर्चा के संयोजक सुरेश यादव ने बताया कि कुली पहले से ही आर्थिक तंगी, बढ़ते निजीकरण और डिजिटल सुविधाओं की वजह से संघर्ष कर रहे हैं। ऊपर से अब यह नई सुविधा उनकी कमाई को और भी कम कर देगी। “हम पहले ही दो वक़्त की रोटी के लिए पसीना बहा रहे हैं, अब यह सुविधा हमारी बची-खुची उम्मीद भी छीन लेगा,” उन्होंने कहा।
रेल मंत्रालय से पहले भी उठ चुकी है मांग
सुरेश यादव ने बताया कि कुली यूनियन कई बार रेलमंत्री तक अपनी आवाज़ पहुंचा चुकी है। उनकी मुख्य मांगों में नियमित नौकरी, आईडी कार्ड, बीमा योजना, और पेंशन जैसी सुविधाएं शामिल हैं। लेकिन आज तक इन मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उल्टा, जन सुविधा केंद्र जैसे कदम निजीकरण को बढ़ावा देकर उन्हें और हाशिये पर धकेल रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान कुलियों ने चेतावनी दी कि अगर जन सुविधा केंद्र को बंद नहीं किया गया, तो वे सिर्फ स्टेशन तक सीमित नहीं रहेंगे। सोमवार को डीआरएम सुनील वर्मा से मुलाकात कर अपनी मांगों को औपचारिक रूप से रखा जाएगा। यदि समाधान नहीं निकला, तो डीआरएम कार्यालय पर भी जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा। कुली यूनियन का कहना है कि यह सिर्फ चारबाग स्टेशन की बात नहीं है, बल्कि यह मुद्दा देशभर के लाखों कुलियों की आजीविका से जुड़ा हुआ है। “अगर सुविधाएं बढ़ानी हैं, तो हमें भी उस व्यवस्था में शामिल किया जाए, हमें दरकिनार न किया जाए,” उन्होंने मांग की।
