योगी सरकार ने अखिलेश यादव पर किया पलटवार, “खंडहर से शिक्षा के मंदिर तक” का दावा
उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों शिक्षा को लेकर बयानबाज़ी ही नहीं, बल्कि पोस्टर वॉर भी चरम पर पहुंच गया है। राजधानी लखनऊ के पॉलीटेक्निक चौराहे पर लगा एक बड़ा होर्डिंग लोगों की निगाहें अपनी ओर खींच रहा है। इस पोस्टर के माध्यम से समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव पर सीधा निशाना साधते हुए, योगी सरकार की शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्धियों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है।
पोस्टर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तस्वीरें भी लगाई गई हैं, जिससे यह साफ है कि यह महज सूचनात्मक नहीं बल्कि राजनीतिक टकराव का प्रतीक है। पोस्टर में दावा किया गया है कि 2017 से पहले यूपी के सरकारी स्कूल खंडहर जैसे दिखते थे, जबकि योगी सरकार ने उन्हें “समग्र शिक्षा के मंदिर” में बदल दिया है। पोस्टर में यह भी कहा गया है कि अखिलेश सरकार के कार्यकाल में करीब 7 लाख बच्चों ने सरकारी स्कूल छोड़ दिए थे, जबकि वर्तमान भाजपा सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को दोबारा मजबूत करने का कार्य किया है। यह टिप्पणी इस ओर इशारा करती है कि अखिलेश यादव द्वारा की जा रही आलोचनाएं “हकीकत से दूर” हैं और वे सिर्फ “सियासी चश्मे” से शिक्षा व्यवस्था को देख रहे हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में स्कूल मर्जर नीति को लेकर समाजवादी पार्टी लगातार योगी सरकार पर हमलावर रही है। सपा का आरोप है कि यह निर्णय शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) के खिलाफ है और इससे छोटे बच्चों की स्कूल तक पहुंच बाधित हो सकती है।
अब अगला कदम किसका?
अब जब पोस्टरों के जरिए भाजपा ने जवाबी हमला किया है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि समाजवादी पार्टी इस सियासी युद्ध में अगला दांव किस रूप में चलती है। भाजपा जहां शिक्षा सुधार को उपलब्धि बता रही है, वहीं सपा इसे शिक्षा से वंचित करने की साजिश बता रही है।
Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.
								
															
			
			




