वैशाली: जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने एक बार फिर बिहार सरकार की नीतियों पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जनता को “झूठे वादों और प्रतीकात्मक घोषणाओं” से गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार की हालिया घोषणाएं सिर्फ दिखावे की राजनीति हैं, जिनका आम लोगों खासकर बेरोजगार युवाओं को कोई ठोस लाभ नहीं होने वाला।
बिहार कैबिनेट द्वारा महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण देने की घोषणा को लेकर किशोर ने कहा, “यह कोई नई नीति नहीं है, बल्कि 2015 में दिए गए 30% आरक्षण को दोहराया गया है। नीतीश कुमार पुरानी बातों को नए कलेवर में पेश कर रहे हैं, ताकि जनता को भ्रमित किया जा सके।” बिहार युवा आयोग के गठन पर उन्होंने कहा, “बिहार का युवा अब आयोग नहीं, रोजगार चाहता है। यह आयोग सिर्फ मुख्यमंत्री के करीबी नेताओं और अधिकारियों के परिवारजनों के लिए नौकरियों का जरिया बनेगा। बेरोजगार युवाओं को इससे कोई फायदा नहीं होगा।”
प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 2015 का वह वादा याद दिलाया, जिसमें युवाओं को ₹1000 मासिक बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही गई थी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “आज तक किसी युवा को एक रुपया भी नहीं मिला। अब वही वादे दोबारा सुनाए जा रहे हैं।” उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किए। किशोर ने कहा, “अगर चुनाव आयोग कहता है कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी है, तो क्या वही लिस्ट लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल नहीं हुई? फिर क्या प्रधानमंत्री मोदी को जिताने वाले वोटर गलत थे? क्या अब लोकसभा चुनाव दोबारा होंगे?”
Author: Sweta Sharma
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