उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में अवैध धर्मांतरण के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। प्रशासन अब उसकी आलीशान कोठी पर बुलडोजर चलाने की तैयारी में है। सोमवार देर शाम उतरौला तहसीलदार सत्यपाल प्रजापति और कोतवाली इंस्पेक्टर अवधेश राज सिंह भारी पुलिस बल के साथ मधपुर स्थित कोठी पर पहुंचे और वहां सात दिन में अतिक्रमण हटाने का नोटिस चस्पा किया। ये नोटिस छांगुर की करीबी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर चस्पा किया गया है। इससे यह अटकलें भी तेज हो गई हैं कि कोठी नीतू के नाम पर है। प्रशासन की ओर से साफ चेतावनी दी गई है कि यदि निर्धारित समय सीमा में अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो उसे बलपूर्वक गिरा दिया जाएगा।
प्रशासन के अनुसार, कोठी ग्राम सभा मधपुर की गाटा संख्या 337/370 के अंतर्गत आने वाली 0.0060 हेक्टेयर सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई है। इस पर पहले ही बेदखली का आदेश पारित हो चुका है। छांगुर बाबा पर नीतू और उसके पति नवीन रोहरा को मुंबई से लाकर इस्लाम धर्म में जबरन परिवर्तित करवाने का आरोप है। धर्मांतरण की इस साजिश में वह मुख्य भूमिका में बताया जा रहा है।
इसके साथ ही छांगुर बाबा की संपत्ति को लेकर एक और विवाद सामने आया है। जानकारी के अनुसार, छांगुर और अहमद नामक व्यक्ति के बीच ज़मीनों की खरीद-फरोख्त को लेकर वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी। इसी क्रम में वह बलरामपुर न्यायालय के लिपिक राजेश उपाध्याय के संपर्क में आया और पुणे में खरीदी गई 16 करोड़ की जमीन के एक एग्रीमेंट में राजेश की पत्नी को हिस्सेदार बना दिया गया।
ATS अब इस मामले में लिपिक राजेश उपाध्याय और उनकी पत्नी से पूछताछ करने जा रही है। धर्मांतरण के इस पूरे नेटवर्क की परतें अब एक-एक कर खुलती जा रही हैं, जिससे प्रशासनिक और खुफिया एजेंसियों में भी हलचल तेज हो गई है।

Author: Sweta Sharma
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