शहर के सभी होटल 30 नवंबर तक हाउसफुल
अयोध्या, भगवान श्रीराम की पावन नगरी, इन दिनों भक्ति, श्रद्धा और उल्लास के रंग में पूरी तरह सराबोर है। श्रीराम मंदिर के शिखर पर होने वाले ऐतिहासिक ध्वजारोहण समारोह ने पूरे शहर को एक भव्य उत्सव स्थल में बदल दिया है। इस आयोजन के लिए देशभर से श्रद्धालु, संत, महंत और विशिष्ट अतिथि अयोध्या पहुंच रहे हैं, जिसके चलते शहर के सभी होटल, गेस्ट हाउस, धर्मशालाएं और होम स्टे पूरी तरह हाउसफुल हो चुके हैं।
स्थानीय होटल संचालकों के अनुसार, 20 नवंबर से 30 नवंबर तक अयोध्या में किसी भी श्रेणी का एक भी कमरा खाली नहीं है। दो और तीन सितारा होटल से लेकर लग्जरी होमस्टे तक हर जगह ‘हाउसफुल’ का बोर्ड टंगा हुआ है। यहां तक कि मंदिर क्षेत्र से दूर के इलाकों में भी कमरे महीनों पहले ही बुक हो चुके हैं। इस अभूतपूर्व भीड़ के कारण शहर में विशेष सुरक्षा और यातायात व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
राम मंदिर का गेट नंबर 11, जिसे विशेष रूप से वीवीआईपी प्रवेश द्वार के रूप में तैयार किया गया है, इस समय आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। गुलाबी पत्थरों से सजे इस द्वार को दीपोत्सव के दौरान ‘आदि शंकराचार्य द्वार’ नाम दिया गया था। इसी मार्ग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश-विदेश के विशेष अतिथि मंदिर में प्रवेश करेंगे। इस द्वार की सजावट और सौंदर्यीकरण के लिए कारीगर दिन-रात कार्यरत हैं, क्योंकि अब बस कुछ ही दिन शेष हैं उस ऐतिहासिक क्षण के लिए जब भगवान श्रीराम मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराया जाएगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि सभी अतिथियों के ठहरने की व्यवस्था पहले से तय की जा चुकी है। होटल, गेस्ट हाउस, होमस्टे और आश्रमों में रहने के लिए अलग-अलग समूहों की सूची तैयार कर दी गई है ताकि किसी को असुविधा न हो।
उन्होंने बताया कि 24 नवंबर को पूर्वी उत्तर प्रदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है, वहीं अन्य क्षेत्रों के लोगों से उस दिन अयोध्या न आने की अपील की गई है ताकि भीड़ पर नियंत्रण रखा जा सके। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि जो लोग 24 या 25 नवंबर को अयोध्या आने का मन बना रहे हैं, वे पहले से होटल बुकिंग और ट्रैफिक व्यवस्था की जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें, क्योंकि इन दिनों अयोध्या में प्रवेश सीमित रहेगा।




