नई दिल्ली। भारत और नेपाल के बीच सैन्य संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से, भारतीय सेना ने नेपाल के सेना प्रमुख सुप्रबल जनसेवाश्री जनरल अशोक राज सिगदेल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में गुरुवार को भारतीय सेना के जनरल की मानद रैंक प्रदान की। यह सम्मान नेपाल और भारत के बीच सैन्य सहयोग और मित्रता को दर्शाता है और दोनों देशों के सैन्य नेतृत्व के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देता है।
यह मानद रैंक नेपाल-भारत सैन्य संबंधों में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ सैन्य संबंध रहे हैं। भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने जनरल थापा को यह सम्मान नई दिल्ली में एक विशेष समारोह के दौरान प्रदान किया। इस मौके पर भारतीय रक्षा मंत्री, नेपाल के सेना प्रमुख और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
जनरल नेपाल सेना के प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं और उनके नेतृत्व में नेपाल सेना ने कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। जनरल थापा को यह मानद रैंक भारतीय और नेपाली सेनाओं के बीच सैन्य सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक संकेत माना जा रहा है।
यह सम्मान उन कड़ी मेहनत और सामरिक क्षमता की पहचान है जो जनरल थापा ने नेपाल सेना को मजबूत करने में की है। इससे पहले भी नेपाल के सेना प्रमुखों को भारतीय सेना की मानद रैंक दी जा चुकी है, और इस रैंक के जरिए दोनों देशों के बीच परंपरागत रिश्तों को और भी मजबूती मिलती है।
नेपाल के सेनाध्यक्ष सुप्रबल जनसेवाश्री जनरल अशोक राज सिगदेल 11 से 14 दिसंबर तक भारत की यात्रा पर हैं। जनरल अशोक राज सिगदेल की यात्रा का उद्देश्य भारत और नेपाल की सेनाओं के बीच सैन्य सहयोग सुदृढ़ करना और दोनों देशों के बीच सहयोग के नए क्षेत्रों की पहचान करना है।
नेपाल के सेना प्रमुख ने 11 दिसंबर को नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और साउथ ब्लॉक लॉन में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था।
नेपाल और भारत के बीच सैन्य संबंधों में निरंतर सुधार और सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया जाता रहा है। दोनों देशों के साझा इतिहास, सांस्कृतिक जुड़ाव और पारस्परिक सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए, यह कदम एक सकारात्मक संदेश भेजता है कि दोनों देश अपने सैन्य संबंधों को और सशक्त बनाना चाहते हैं।
इस घटना को लेकर दोनों देशों के रक्षा मंत्रालयों ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर ट्वीट कर इस विशेष मौके की जानकारी दी और सैन्य संबंधों की महत्ता को रेखांकित किया।
								
															
			
			




