– काशी मेरी और मैं काशी का हूं – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
-पीएम मोदी बोले – यहां के प्रेम का कर्जदार हूं, सबका साथ-सबका विकास हमारा लक्ष्य
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र काशी की 50वीं यात्रा के अवसर पर शुक्रवार को वाराणसी को 3884.18 करोड़ रुपये की कुल 44 विकास परियोजनाओं की सौगात दी। अपने संबोधन की शुरुआत ‘पार्वती पतये नमः’ कहकर करने वाले प्रधानमंत्री ने काशीवासियों को अपना परिवार बताया और कहा, “काशी हमार हौ, हम काशी के हई। हम ई प्रेम के कर्जदार हई।” प्रधानमंत्री ने इस दौरे में 1629.13 करोड़ रुपये की लागत से पूर्ण 19 परियोजनाओं का उद्घाटन और 2255.05 करोड़ रुपये की लागत वाली 25 परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इस मौके पर उन्होंने बनास डेरी से जुड़े प्रदेश के दो लाख 70 हजार किसानों को 106 करोड़ रुपये का बोनस सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर किया।
प्रधानमंत्री ने काशी के विकास को ‘आधुनिक विरासत’ करार देते हुए कहा, “मेरी काशी सिर्फ पुरातन नहीं, बल्कि प्रगतिशील भी है। आज काशी पूर्वांचल के आर्थिक नक्शे के केंद्र में है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, नल-जल योजनाएं, शिक्षा, स्वास्थ्य और खेल सुविधाएं, सब मिलकर काशी को नई ऊंचाई पर ले जा रही हैं।”

विपक्ष पर तीखा हमला
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा, “जो लोग सत्ता पाने के लिए खेल खेलते रहते हैं, उनका लक्ष्य है ‘परिवार का साथ, परिवार का विकास’, जबकि मेरा संकल्प है ‘सबका साथ, सबका विकास’। हम महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले जैसे महान त्यागी महापुरुषों की प्रेरणा से देश सेवा के मंत्र को लेकर चल रहे हैं।” उन्होंने नारी सशक्तिकरण की बात करते हुए ‘लखपति दीदी’ योजना की सराहना की और कहा कि मेहनतकश महिलाएं आज अपने आत्मविश्वास से नया इतिहास रच रही हैं। “अगर भरोसा किया जाए, तो वह भरोसा नया इतिहास बना देता है,” प्रधानमंत्री ने कहा।
योजनाएं जो काशी को बदल रही हैं
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्घाटित और शिलान्यास की गई प्रमुख परियोजनाओं में शामिल हैं – पुलिस लाइन परिसर में ट्रांजिट हॉस्टल, एनएच-31 अंडरपास टनल, युनिटी मॉल, रामनगर पुलिस बैरक, कुरू-पिंडरा राजकीय पॉलिटेक्निक, रोहनिया क्षेत्र का पर्यटन विकास, वाराणसी के विभिन्न मार्गों का चौड़ीकरण, 400 केवी सबस्टेशनों का निर्माण, और कई स्वास्थ्य व शिक्षा सुविधाओं का विस्तार। उन्होंने कहा कि जब यह सभी परियोजनाएं पूर्ण हो जाएंगी, तो बनारस देश के चुनिंदा शहरों में शामिल हो जाएगा जहां आधुनिक सुविधा, पारंपरिक विरासत और समृद्ध अर्थव्यवस्था का समन्वय देखने को मिलेगा।

जीआई टैग और काशी की वैश्विक पहचान
पीएम मोदी ने जीआई टैग प्राप्त उत्पादों पर विशेष ध्यान देते हुए कहा, “काशी और आस-पास के 21 से अधिक उत्पादों को जीआई टैग मिला है। यह सिर्फ टैग नहीं है, बल्कि स्थानीय उत्पादों की गुणवत्ता और उनकी पहचान का प्रतीक है। इससे स्थानीय कारीगरों और हस्तशिल्पियों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में स्थान मिल रहा है।” उन्होंने बनारस के मशहूर तबला, शहनाई, ठंडई, लाल पेड़ा, तिरंगा बर्फी और दीवार पेंटिंग जैसे उत्पादों का उदाहरण देते हुए कहा कि काशी अब केवल अध्यात्म की नहीं बल्कि व्यापार और संस्कृति की भी राजधानी बन रही है।
आयुष्मान योजना और वय वंदना कार्ड का वितरण
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने अपने हाथों से तीन बुजुर्गों को आयुष्मान भारत योजना के वय वंदना कार्ड भी प्रदान किए। उन्होंने कहा, “अब बुजुर्गों को इलाज के लिए जमीन बेचने या कर्ज लेने की जरूरत नहीं है। आयुष्मान कार्ड से मुफ्त इलाज की सुविधा आपके सम्मान और सुरक्षा का प्रमाण है।”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संबोधन
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि “महाकुंभ की भव्यता और सफलता प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की वजह से संभव हुई। इस आयोजन में काशी ने तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं का समागम देखा और यह बाबा विश्वनाथ की नगरी को वैश्विक पहचान दिलाने में अहम साबित हुआ।” मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में यूपी आज जीआई टैग प्राप्त उत्पादों की संख्या में देश में नंबर एक है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत यूपी में 10 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित हो चुके हैं और 70 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों के लिए ‘वय वंदना’ कार्ड ने उन्हें स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की है।
डेयरी सेक्टर को मिली नई दिशा
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है। “पिछले 10 वर्षों में दुग्ध उत्पादन में 75 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह सफलता डेयरी सेक्टर को मिशन मोड में आगे बढ़ाने, पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड और मुफ्त वैक्सीन जैसी सुविधाओं के कारण संभव हुई है।” उन्होंने कहा कि देश में 20 हजार से ज्यादा सहकारी समितियों को फिर से खड़ा किया गया है और लाखों नए सदस्य जोड़े गए हैं, ताकि डेयरी क्षेत्र के लोग संगठित होकर आत्मनिर्भर बन सकें। प्रधानमंत्री ने कहा कि “काशी अब सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र नहीं, बल्कि आर्थिक प्रगति का नया मॉडल बन रहा है। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे काशी और देश की सेवा का अवसर मिल रहा है। आने वाले समय में जब ये परियोजनाएं पूरी होंगी, तो बनारस की रफ्तार और बढ़ेगी, व्यापार को नई ऊर्जा मिलेगी और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
Author: Sweta Sharma
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