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प्रियंका गांधी: अमेठी और रायबरेली से होते हुए वायनाड तक का सफर, पहली बार चुनावी मैदान में

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पहली बार चुनावी मैदान में कदम रखा है। उन्होंने 23 अक्टूबर को केरल की वायनाड लोकसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया, जो पहले उनके भाई राहुल गांधी की सीट थी। प्रियंका ने नामांकन से पहले एक रोड शो किया और बताया कि पिछले 35 साल से वह चुनाव प्रचार कर रही हैं, लेकिन यह पहली बार है जब वह अपने लिए वोट मांग रही हैं।
राहुल गांधी का समर्थन
राहुल गांधी ने अपनी बहन की उम्मीदवारी का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर लिखा, “वायनाड के लोगों के लिए मेरे दिल में खास जगह है। मैं अपनी बहन से बेहतर किसी उम्मीदवार की कल्पना नहीं कर सकता था। मुझे पूरा विश्वास है कि प्रियंका वायनाड की जरूरतों के लिए जी-जान से काम करेंगी और संसद में एक मजबूत आवाज बनकर उभरेंगी।”
वायनाड में मुकाबला और महत्व
वायनाड सीट 2019 में राहुल गांधी ने जीती थी, और यह सीट गांधी परिवार के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। कांग्रेस ने इस बार प्रियंका गांधी को उनके चुनावी डेब्यू के लिए इस सीट से उतारा है। अगर प्रियंका यहां से जीत दर्ज करती हैं, तो गांधी परिवार के तीनों सदस्य—राहुल गांधी, सोनिया गांधी, और प्रियंका गांधी— संसद में होंगे।
वायनाड में 13 नवंबर को वोटिंग होगी और मतगणना 23 नवंबर को होगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रियंका गांधी के लिए यह चुनाव आसान साबित हो सकता है, क्योंकि राहुल गांधी यहां काफी लोकप्रिय रहे हैं।
प्रियंका का चुनावी सफर
प्रियंका गांधी लंबे समय से कांग्रेस की राजनीति में पर्दे के पीछे से सक्रिय रही हैं। 1990 के दशक से ही उन्होंने अपनी मां सोनिया गांधी के चुनाव अभियानों का जिम्मा संभाला था, और 2004 में राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने पर भी उन्होंने जोरदार जनसंपर्क अभियान चलाया था। हालांकि, प्रियंका ने हमेशा खुद को बैकग्राउंड में ही रखा।
उनकी आधिकारिक राजनीतिक एंट्री 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले हुई, जब उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के चुनावी अभियान की जिम्मेदारी दी गई। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव और 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा। तब आलोचकों ने कहा कि प्रियंका कांग्रेस का “तुरूप का पत्ता” साबित नहीं हो पाई हैं।
कांग्रेस ने प्रियंका को अब क्यों उतारा चुनावी मैदान में?
विश्लेषकों का मानना है कि प्रियंका गांधी को चुनाव में उतारने का यह सही समय है। कांग्रेस ने हाल के चुनावों में संसद में मुखर उपस्थिति दर्ज की है, और प्रियंका के चुनाव जीतने पर वह अपने भाई राहुल गांधी के साथ मिलकर मोदी सरकार को घेरने में अहम भूमिका निभा सकती हैं। वायनाड सीट से उनकी जीत कांग्रेस के लिए एक मजबूत संदेश हो सकती है।
अब देखना यह होगा कि प्रियंका गांधी का यह कदम कांग्रेस के लिए कितना फायदेमंद साबित होता है और क्या वह वायनाड में अपनी जीत दर्ज कर सकती हैं।
Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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