लोकसभा में प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “यह देश सिर्फ भय से नहीं चल सकता। यह उठेगा और सत्य मांगेगा।” प्रियंका गांधी ने अपने पहले भाषण में सत्ता पक्ष पर जमकर प्रहार किया और संविधान की अहमियत को उजागर किया।
प्रियंका गांधी का पहला भाषण
प्रियंका गांधी ने अपने 32 मिनट के भाषण में जातीय जनगणना, अदाणी मुद्दे, और देश की एकता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी बात रखी। उन्होंने संविधान निर्माण की प्रक्रिया और उसमें नेताओं के योगदान को भी याद दिलाया। प्रियंका ने कहा कि यह सिर्फ एक दस्तावेज नहीं है, बल्कि हमारे लोकतंत्र और देश की नींव है।
संविधान की अहमियत
प्रियंका गांधी ने कहा, “इस संविधान में हर नागरिक को अधिकार दिया गया है कि वह सरकार बना सकता है और बदल भी सकता है। यह संविधान न्याय, एकता और अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है।” उन्होंने संविधान की पवित्रता को लेकर सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि पिछले 10 वर्षों में इस सुरक्षा कवच को कमजोर करने का प्रयास किया गया है।
उन्नाव और हाथरस की घटनाएं
प्रियंका गांधी ने उन्नाव और हाथरस जैसी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि कैसे हमारे संविधान ने महिलाओं को न्याय की ताकत दी। उन्होंने कहा, “ये घटनाएं हमारे संविधान के बिना असंभव होतीं। यह संविधान ही है जो पीड़ितों को आवाज देने की ताकत देता है।”
सत्ता पक्ष का पंडित नेहरू पर हमला
प्रियंका गांधी ने पंडित नेहरू का उदाहरण देते हुए सत्ता पक्ष को घेरा। उन्होंने कहा, “पंडित नेहरू ने एचएएल, ओएनजीसी, आईआईटी जैसे संस्थान बनाए, लेकिन आज उनका नाम मिटाने की कोशिश हो रही है। यह हमारे संविधान का अपमान है।”
जातीय जनगणना की मांग
प्रियंका गांधी ने जातीय जनगणना की आवश्यकता पर बल दिया और कहा, “सत्ता पक्ष ने चुनावी फायदे के लिए इस मुद्दे पर गंभीरता नहीं दिखाई। जबकि संविधान आर्थिक न्याय और समानता की नींव रखता है।”
देश में बढ़ता असमानता का मुद्दा
प्रियंका ने कहा, “देश में अमीर और गरीब के बीच असमानता बढ़ रही है। सारे संसाधन एक व्यक्ति के हाथ में सिमटते जा रहे हैं, जिससे गरीबों को न्याय नहीं मिल रहा। यह संविधान की भावना के खिलाफ है।”
नफरत फैलाने का आरोप
प्रियंका गांधी ने सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने संविधान के एकता के सुरक्षा कवच को कमजोर करने के लिए नफरत के बीज बोए हैं। उन्होंने कहा, “संविधान ने हमें हमेशा एकता का मार्ग दिखाया है, लेकिन आज यह भय और विभाजन की राजनीति का शिकार हो रहा है।”
प्रियंका गांधी ने कहा, “यह देश भय से नहीं बना है। इसे बनाने वाले किसान, मजदूर और करोड़ों जनता हैं। यह देश साहस और संघर्ष से बना है। यह सत्य की ओर बढ़ेगा और न्याय की मांग करेगा।

Author: Sweta Sharma
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