वायरोलॉजी में उनके योगदान को सराहा गया
किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU), लखनऊ में 27 जून को एक गरिमामय समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय की डीन एकेडेमिक्स एवं माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष प्रो. अमिता जैन के सेवानिवृत्त होने पर उन्हें श्रद्धा और सम्मान के साथ विदाई दी गई। यह आयोजन उनकी तीन दशकों से अधिक की अकादमिक और अनुसंधान यात्रा को समर्पित रहा।
समारोह की शुरुआत स्वागत भाषण एवं प्रो. जैन के प्रशस्ति पत्र के वाचन से हुई, जिसमें वायरोलॉजी के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान, अकादमिक उत्कृष्टता और छात्र मार्गदर्शन की व्यापक भूमिका को रेखांकित किया गया। उन्हें संस्थान में शोध, शिक्षण और नेतृत्व में उल्लेखनीय भूमिका के लिए सराहा गया।
अपने भावुक संबोधन में प्रो. जैन ने केजीएमयू में अपने वर्षों के अनुभव साझा किए और अपने गुरुओं, साथियों, छात्रों एवं परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह संस्थान उनके जीवन का अभिन्न अंग रहा है, और यहां से मिली सीख हमेशा उनके साथ रहेगी।
समारोह में केजीएमयू की कुलपति प्रो. (डॉ.) सोनिया नित्यनंद ने प्रो. जैन को विश्वविद्यालय की बौद्धिक विरासत बताते हुए कहा कि “उनकी कार्यशैली और अनुसंधान प्रतिबद्धता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत रहेगी।”
इस अवसर पर कई वरिष्ठ शिक्षकों और संकाय सदस्यों ने भी प्रो. जैन के साथ अपने संस्मरण साझा किए। जिनमें प्रमुख रूप से उपस्थित रहे –
प्रो. वीरेंद्र आतम (नव-नियुक्त डीन एकेडेमिक्स),
प्रो. अंजू अग्रवाल (प्रो-वाइस चांसलर),
प्रो. के. के. सिंह (अध्यक्ष, KGMUTA),
प्रो. विमला वेंकटेश, प्रो. ऋषि सेठी,
प्रो. विजय कुमार, प्रो. प्रशांत,
प्रो. राजकुमार, डॉ. शीतल वर्मा सहित विभिन्न विभागों के शिक्षकगण।
कार्यक्रम के अंत में संकाय सदस्यों ने भावुकता के साथ प्रो. जैन को विदाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। यह अवसर प्रो. अमिता जैन के अनुकरणीय योगदान को सम्मानित करने और भावनाओं के आदान-प्रदान का प्रेरक उदाहरण बना।
Author: Sweta Sharma
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