दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वक्फ अधिनियम, 1995 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार और संबंधित पक्षों से जवाब तलब किया है। मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने केंद्र को नोटिस जारी करते हुए स्पष्ट किया कि इस याचिका को समान विषय पर लंबित अन्य याचिकाओं के साथ जोड़ा जाएगा।
यह याचिका अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय के माध्यम से याचिकाकर्ता निखिल उपाध्याय द्वारा दाखिल की गई है। उन्होंने अदालत को बताया कि याचिका में वक्फ अधिनियम, 1995 के कई प्रावधानों को असंवैधानिक बताया गया है। साथ ही इसमें यह भी मांग की गई है कि अधिनियम के 2013 के संशोधन और संभावित 2025 के संशोधन की वैधता की भी समीक्षा की जाए।
उपाध्याय ने अदालत को 17 अप्रैल 2025 के उस आदेश का हवाला दिया, जिसमें शीर्ष अदालत ने कहा था कि वक्फ अधिनियम, 1995 और उसमें किए गए संशोधनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं को एक अलग सूची में कारण सहित शामिल किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि वक्फ अधिनियम के प्रावधानों को लेकर लंबे समय से विभिन्न पक्षों में मतभेद और विवाद रहा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह अधिनियम संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और 25 (धार्मिक स्वतंत्रता) का उल्लंघन करता है।

Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.