रायबरेली। तहसील प्रशासन की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज तैयार कर ज़मीन के अनुचित विक्रय का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। मामला रायबरेली की इटौरा बुजुर्ग ग्राम पंचायत का है, जहां तहसील के रजिस्ट्रार कानूनगो ने एक ग्रामीण महिला कलावती के साथ मिलकर फर्जी खतौनी जारी की और फिर उसी के आधार पर भूमि का बैनामा कर दिया गया। इस संबंध में जगतपुर थाना क्षेत्र के अलावलपुर निवासी सुशील कुमार ने चड़रई गांव की कलावती और उसके पति गयापाल के खिलाफ न्यायालय में मामला दर्ज कराया था। न्यायालय के आदेश पर अब दोनों के विरुद्ध रायबरेली कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
क्या है पूरा मामला?
सुशील कुमार का आरोप है कि उनकी पुश्तैनी भूमि (गाटा संख्या 2693) काफी पहले गलती से कलावती के नाम दर्ज हो गई थी। तहसीलदार द्वारा की गई जांच में यह नामांतरण फर्जी पाया गया और भूमि को सुशील के माता-पिता के नाम दर्ज कर दिया गया। उनके निधन के बाद, आरोप है कि रजिस्ट्रार कानूनगो ने कलावती से मिलकर फिर से फर्जी खतौनी तैयार करवाई और कलावती ने उसका लाभ उठाकर जमीन को पति गयापाल के नाम दर्ज करवा दिया। न्याय के लिए सुशील ने कई बार तहसील व अन्य कार्यालयों में गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अंततः उन्होंने न्यायालय की शरण ली और कोर्ट के आदेश पर यह मामला दर्ज किया गया।
पुलिस की प्रतिक्रिया
रायबरेली कोतवाली के प्रभारी संजय कुमार ने बताया कि “मामले की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और विवेचना जारी है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

Author: Sweta Sharma
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