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आरक्षण पर राहुल गांधी के बयान से मचा बवाल: क्या कांग्रेस वाकई आरक्षण खत्म करने की सोच रही है

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विदेश में दिए गए एक बयान पर सियासी बवाल मच गया है। राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा था कि भारत में असमानता और सामाजिक भेदभाव खत्म होने के बाद आरक्षण खत्म करने पर विचार किया जा सकता है। इस बयान को भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ हथियार बना लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस दलितों, आदिवासियों और ओबीसी को मिलने वाले आरक्षण को खत्म करने की कोशिश कर रही है।
भाजपा ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया, जिससे कांग्रेस के खिलाफ चौतरफा हमले शुरू हो गए। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि कांग्रेस आरक्षण को समाप्त करने की मंशा रखती है। भाजपा के अनुसार, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने पहले कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में कुछ दलित वर्गों का आरक्षण मुसलमानों को देने की कोशिश की थी, और अब वे पूरे देश में इसी तरह की योजना बना रहे हैं।

भाजपा का आक्रामक रुख

भाजपा ने राहुल गांधी के बयान को लेकर आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा कि उनकी पार्टी कभी भी कांग्रेस को आरक्षण खत्म करने नहीं देगी। भाजपा नेता मायावती और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने भी राहुल के इस बयान की आलोचना की है।

कांग्रेस का डैमेज कंट्रोल

राहुल गांधी के बयान के बाद कांग्रेस को जल्द ही एहसास हो गया कि यह मुद्दा पार्टी के लिए राजनीतिक नुकसानदायक हो सकता है, खासकर पिछड़े, दलित और आदिवासी वर्गों के बीच। इस समय हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं, जबकि महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव भी जल्द होने वाले हैं। इस स्थिति में कांग्रेस ने अपने बयान को स्पष्ट करते हुए कहा कि वह आरक्षण को समाप्त करने के बारे में नहीं सोच रही है।
राहुल गांधी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि कांग्रेस आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा को खत्म करने और देश में आर्थिक भागीदारी बढ़ाने के पक्ष में है। इसे कांग्रेस का ‘डैमेज कंट्रोल’ माना जा रहा है।

भाजपा के अनुभव से सबक

2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण की समीक्षा की बात कही थी, जिसके चलते भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। कांग्रेस इस बार उसी गलती से बचना चाहती है। पार्टी को डर है कि अगर उसने इस मुद्दे को सही से नहीं संभाला, तो पिछड़े और दलित मतदाताओं के बीच अपनी बढ़त खो सकती है, जो पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के समर्थन में आए थे।
राहुल गांधी के बयान ने आरक्षण के मुद्दे पर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। भाजपा इसे लेकर कांग्रेस पर तीखे हमले कर रही है, जबकि कांग्रेस इस मुद्दे पर डैमेज कंट्रोल में जुटी है। आने वाले चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मुद्दा किस हद तक मतदाताओं को प्रभावित करता है।

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Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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