केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि यदि कांग्रेस नेता राहुल गांधी सचमुच एससी, एसटी या अल्पसंख्यक समुदायों के हित के लिए चिंतित हैं, तो उन्हें लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में उन समुदायों में से किसी प्रतिनिधि को नियुक्त करना चाहिए था। यह टिप्पणी उन्होंने रोहतास और कैमूर जिलों की जनसभाओं में की, जहां उन्होंने राहुल गांधी द्वारा लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोपों को निराधार तथा बेवजह करार दिया।
राजनाथ सिंह ने स्पष्ट कहा कि यदि राहुल गांधी के पास मतगणना या मतदाता सूची से जुड़े ठोस सबूत हैं, तो उन्हें सीधे निर्वाचन आयोग के पास जाकर शिकायत करनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना प्रमाण के किसी संवैधानिक संस्था पर गंभीर आरोप लगाना गलत है और इससे लोकतांत्रिक संस्थाओं की साख को नुकसान पहुँचता है।
डिस्कोर्स के दौरान रक्षा मंत्री ने कांग्रेस पर समाज में विभाजन फैलाने का आरोप भी लगाया। उनका कहना था कि जाति-धर्म के आधार पर राजनीति करना विभाजनकारी है और इससे देशहित को नुकसान होता है। उन्होंने यह भी कहा कि सशस्त्र बलों को राजनीति से अलग रखना चाहिए और सैनिकों के मुद्दों को राजनीतिक बहस का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए।
राजनाथ सिंह ने भाजपा की आरक्षण नीतियों का बचाव करते हुए कहा कि पार्टी ने समाज के कमजोर वर्गों को आरक्षण उपलब्ध कराया है और उसके पक्ष में है। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सुरक्षा बलों की सफलताओं की सराहना की और कहा कि भारत आक्रामक नहीं है, पर अगर कोई हमला करता है तो उसका जवाब कड़ा होगा।
अंत में उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अब कमजोर नहीं रहा और दुनिया में एक सशक्त राष्ट्र के रूप में पहचाना जाता है।





