समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर तीखा पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की नाक के नीचे दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों पर “अकल्पनीय अत्याचार” हो रहे हैं, और उन्होंने बिना पूरा बयान सुने ही राजनीतिक टिप्पणी कर दी। दरअसल, सीएम योगी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक बयान में कहा था कि “सेना की वर्दी जातिवादी चश्मे से नहीं देखी जाती” और “भारतीय सेना राष्ट्रधर्म निभाती है, किसी जाति या मजहब की प्रतिनिधि नहीं होती”। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रामगोपाल यादव ने कहा कि उत्तर भारत, खासकर उत्तर प्रदेश में जाति और धर्म देखकर फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं, एनकाउंटर हो रहे हैं, संपत्ति जब्त की जा रही है और महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने प्रशासनिक नियुक्तियों में भी जाति और धर्म को आधार बनाए जाने का आरोप लगाया।
रामगोपाल यादव ने दावा किया कि उन्होंने अपने बयान में विकृत मानसिकता की आलोचना की थी, न कि सेना की। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर गालीबाजों को पता चल जाए कि विंग कमांडर व्योमिका सिंह जाटव हैं या एयर मार्शल अवधेश भारती यादव हैं, तो वे इन पर भी जाति आधारित टिप्पणियां करने से नहीं चूकेंगे। सपा नेता ने यह भी कहा कि कर्नल सोफिया और विदेश सचिव मिस्त्री को उनके नाम और धर्म के आधार पर अपमानित किया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री ने उनके पूरे बयान को सुने बिना राजनीतिक प्रतिक्रिया क्यों दी।
सीएम योगी ने रामगोपाल यादव के बयान को “सेना के शौर्य और देश की अस्मिता का घोर अपमान” बताया और आरोप लगाया कि सपा की सोच “वोट बैंक की राजनीति” में राष्ट्रभक्ति को भी बांटने का प्रयास करती है। योगी आदित्यनाथ ने जनता से अपील करते हुए कहा कि इस “विकृत जातिवादी सोच” का जवाब समय पर मिलेगा।

Author: Sweta Sharma
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