अयोध्या में चार दिवसीय रामायण मेले का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) अपराधियों और गुंडों के संरक्षण के बिना वैसे ही तड़पती है, जैसे पानी के बिना मछली।
सीएम ने किए धार्मिक स्थल के दर्शन
सीएम योगी ने उद्घाटन से पहले हनुमानगढ़ी और रामलला के दरबार में दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने रामकथा पार्क में आयोजित रामायण मेले का उद्घाटन किया। पांच से आठ दिसंबर तक चलने वाले इस मेले में गीत, संगीत और अध्यात्म का संगम देखने को मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने रामनगरी को बताया आदर्श भूमि
अपने संबोधन में सीएम योगी ने कहा:
“अयोध्या सनातन धर्म की पहली पावन पूरी है। यहां कोई युद्ध करने का साहस नहीं कर सकता। अयोध्या ने हजारों वर्षों से मानवता को दिशा दी है।”
सीएम ने यह भी कहा कि जनवरी 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रामलला की प्रतिष्ठा हुई, जिसने 500 वर्षों के संघर्ष का अंत किया।
समाजवादी पार्टी पर निशाना
सीएम ने डॉ. राम मनोहर लोहिया का जिक्र करते हुए कहा कि वह राजनीति में आदर्शवादी थे, लेकिन सपा ने उनके आदर्शों को त्याग दिया है।
“सपा केवल परिवारवादी है। अपराधी और गुंडों के संरक्षण के बिना यह वैसे ही तड़पती है, जैसे पानी के बिना मछली।”
रामायण मेला: संस्कृति और परंपरा का संगम
रामायण मेला समिति के संयोजक आशीष मिश्रा ने बताया कि इस वर्ष मेले में धार्मिक कार्यक्रमों के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और परंपराओं का अद्भुत प्रदर्शन होगा।
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चार दिन की मुख्य गतिविधियां:
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रामकथा प्रवचन
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सांस्कृतिक कार्यक्रम
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लोक गायन और नृत्य नाटिका
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रामलीला प्रदर्शन
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संस्कृति विभाग की ओर से 20 से अधिक कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे।
रामायण मेले का इतिहास
रामायण मेले की शुरुआत 1982 में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीपति मिश्र ने की थी। यह मेला डॉ. राम मनोहर लोहिया की परिकल्पना पर आधारित है। संस्कृति विभाग तब से इस मेले के आयोजन का दायित्व निभाता आ रहा है।
कार्यक्रम का शेड्यूल
पांच दिसंबर:
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रामलीला: श्री जानकी आदर्श रामलीला मंडल, अयोध्या
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भजन गायन: विजय अग्निहोत्री, लखनऊ
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पखावज वादन: विजय रामदास, अयोध्या
छह दिसंबर:
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अवधी लोक गायन: संजोली पांडेय और क्षमा वर्मा, अयोध्या
सात दिसंबर:
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भजन गायन: वीरेंद्र सिंघल, झांसी
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लोक गायन: जान्हवी पांडेय, अंबेडकर नगर
आठ दिसंबर:
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रामलीला: अवध आदर्श रामलीला मंडल, अयोध्या
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नृत्य नाटिका: संगीता आहूजा, अयोध्या
अध्यात्म और संस्कृति का अनूठा संगम
रामायण मेला धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से भारत की गौरवशाली परंपराओं को जीवंत कर रहा है। मुख्यमंत्री का यह प्रयास अयोध्या को एक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
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Author: Sweta Sharma
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