उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के तहत 69,197 रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि भर्ती की समय सारिणी जल्द तय कर ली जाए और प्रत्येक चरण के लिए निश्चित समय सीमा निर्धारित की जाए।
इन पदों में 7,952 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और 61,254 सहायिकाएं शामिल होंगी। मुख्य सचिव ने कहा कि भर्ती की प्रक्रिया जिलावार समितियों के माध्यम से पूरी की जाएगी, जिनकी अध्यक्षता संबंधित जिलों के जिलाधिकारी (DM) करेंगे। उन्होंने विभाग को यह भी निर्देश दिया कि भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध ढंग से पूरी हो ताकि पात्र उम्मीदवारों को शीघ्र अवसर मिल सके।
बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव लीना जौहरी ने जानकारी दी कि इन रिक्तियों में से 2,123 पद पहले से खाली हैं, जबकि शेष पद नए बने 306 आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि इन केंद्रों पर कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए कई नई सुविधाएं विकसित की जा रही हैं, जैसे — पोषण वाटिका, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, एलईडी स्क्रीन, और ईसीसीई (ECCE) मटेरियल।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के सभी 23,697 स्वीकृत आंगनबाड़ी केंद्रों को “सक्षम आंगनबाड़ी” के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके साथ ही, “पोषण भी, पढ़ाई भी” कार्यक्रम के अंतर्गत सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिलाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
बैठक में यह भी तय हुआ कि रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष से संबंधित लंबित मामलों का निस्तारण इस महीने के अंत तक कर दिया जाएगा। मुख्य सचिव ने स्पष्ट चेतावनी दी कि अनावश्यक रूप से प्रकरण लंबित रखने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वर्तमान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ₹8,000 प्रति माह (₹6,000 मानदेय + ₹2,000 इंसेंटिव) और सहायिकाओं को ₹4,000 प्रति माह (₹3,000 मानदेय + ₹1,000 इंसेंटिव) दिया जाता है।





