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रेरा ने 5700 वसूली प्रमाण-पत्रों के विरुद्ध 1410 करोड़ रुपये की वसूली की

अगस्त 2023 से वसूली की गति बढ़ी है, जिसमें 861 करोड़ रुपये वसूल किए गए, जो कुल वसूली का 61 प्रतिशत है

आपसी समझौते से 500 करोड़ रुपये का समाधान हुआ है और 8500 अन्य मामलों का समाधान किया गया है, जिनकी राशि 3320 करोड़ रुपये है

रेरा ने अब तक 15850 आवंटी शिकायतकर्ताओं के 5180 करोड़ रुपये के दावों का समाधान किया है

भारत सरकार ने भी उत्तर प्रदेश रेरा की वसूली रणनीति की सराहना की है

रेरा का लक्ष्य आवंटियों को समय पर उनके हक की राशि दिलाना है -रेरा अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी

निश्चय टाइम्स, लखनऊ। उत्तर प्रदेश रेरा ने आवंटियों को न्याय दिलाने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति करते हुए अब तक कुल 5700 वसूली प्रमाण-पत्रों (आरसी) के विरुद्ध 1410 करोड़ रुपये की प्रभावी वसूली सुनिश्चित की है। इनमें से 1 जनवरी, 2025 से 15 जुलाई, 2025 की अवधि में ही 955 मामलों में 251 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। उत्तर प्रदेश रेरा अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने बताया कि अगस्त 2023 से वसूली की गति में कई गुना वृद्धि हुई है। इस अवधि में 3053 मामलों में 861 करोड़ रुपये की राशि वसूल की गई, जो कुल वसूली का लगभग 61 प्रतिशत है। वर्षवार आंकड़ों के अनुसार, 2023 में 380 करोड़, 2024 में 463 करोड़ और 2025 में अब तक 251 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है। जबकि वर्ष 2024 की इसी अवधि में 244 करोड़ रुपये की वसूली हुई थी, जिससे स्पष्ट है कि वसूली की रफ्तार लगातार तेज हो रही है।
भूसरेड्डी ने बताया कि जिलाधिकारियों के माध्यम से प्रत्यक्ष वसूली के अतिरिक्त रेरा द्वारा स्थापित कन्सिलिएशन फोरम और निष्पादन कार्यवाहियों के माध्यम से भी समाधान किया जा रहा है। अब तक 1650 वसूली प्रमाण-पत्रों के विरुद्ध 500 करोड़ रुपये का समाधान आपसी समझौते द्वारा कराया गया है। साथ ही, लगभग 8500 अन्य मामलों का समाधान किया गया है, जिनकी अनुमानित कुल राशि 3320 करोड़ रुपये है, जिसमें रिफंड और मकान के कब्जे से जुड़े मामले शामिल हैं।
कुल मिलाकर, रेरा द्वारा अब तक 15850 आवंटी शिकायतकर्ताओं के कुल 5180 करोड़ रुपये के दावों का समाधान विभिन्न माध्यमों से किया जा चुका है। इसमें प्रत्यक्ष वसूली, आपसी समझौते, रेरा बेंचों के समक्ष निष्पादन कार्यवाही तथा कन्सिलिएशन फोरम के माध्यम से सुलह शामिल है। उत्तर प्रदेश रेरा की वसूली रणनीति की सराहना भारत सरकार स्तर पर भी की गई है। भूसरेड्डी ने बताया कि मासिक समीक्षा, प्रमोटरों पर दबाव और परियोजनाओं के पंजीकरण/विस्तार की प्रक्रिया में आवंटियों की संतुष्टि को अनिवार्य शर्त बनाकर वसूली की प्रभावशीलता सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि रेरा का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि आवंटियों को उनके हक की राशि समयबद्ध रूप से प्राप्त हो और रेरा के आदेशों का पूर्ण अनुपालन हो।

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Author: ntuser1

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