बिहार के नवादा जिले से एक ऐसा हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने सरकारी दस्तावेजों की प्रक्रिया की गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां एक व्यक्ति ने कुत्ते के नाम पर निवास प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन कर दिया। यह अजीबोगरीब आवेदन सिरदला प्रखंड के आरटीपीएस (Right to Public Service) केंद्र में जमा हुआ। आवेदन में आवेदक का नाम “डोगेश बाबू” लिखा गया था, जिसकी फोटो में एक कुत्ते की तस्वीर थी। पिता का नाम “डोगेश के पापा” और माता का नाम “डोगेश की मामी” दर्ज किया गया था। इतना ही नहीं, निवास स्थान के रूप में खरौंध गांव, वार्ड संख्या 11 दर्शाया गया।
इस फर्जीवाड़े की जानकारी मिलते ही नवादा के जिलाधिकारी रवि प्रकाश ने तत्काल जांच के आदेश दे दिए। उन्होंने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। डीएम ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से तंज कसते हुए लिखा—
“नकलची… या यूं कहें कि घटिया हास्य-व्यंग्य के लिए एफआईआर दर्ज की जा रही है।”
यह घटना आरटीपीएस पोर्टल के जरिए सरकारी योजनाओं और दस्तावेजों की पारदर्शिता को लेकर एक बार फिर से बहस में ला खड़ा करती है। अब सवाल यह है कि बिना किसी प्राथमिक जांच के ऐसे आवेदन सिस्टम में कैसे स्वीकार हो जाते हैं?

Author: Sweta Sharma
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