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महिला मुखिया के नाम ही स्वीकृत होंगे ग्रामीण पक्के आवास: उपमुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने महिला सशक्तिकरण और मिशन शक्ति अभियान के तहत निर्देश दिए हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण और मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत बनने वाले पक्के आवास केवल महिला मुखिया के नाम ही स्वीकृत किए जाएं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जनपद स्तर पर इस नीति की नियमित समीक्षा सुनिश्चित की जाए। जिन आवासों की स्वीकृति पुरुषों के नाम पहले ही हो चुकी है, उनके साथ महिला मुखिया का नाम भी अनिवार्य रूप से जोड़ा जाए।
उपमुख्यमंत्री मौर्य ने कहा कि यह कदम महिलाओं में स्वामित्व की भावना को बढ़ाने और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए लिया गया है। ग्राम्य विकास विभाग के अनुसार, वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 40.14% आवास महिला मुखिया के नाम स्वीकृत हैं, जबकि 51.74% आवास पति-पत्नी के संयुक्त नाम से आवंटित किए गए हैं। इसी तरह, मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत 29.25% आवास महिला मुखिया और 37.78% आवास पति-पत्नी के संयुक्त नाम से दिए गए हैं।
उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि जिन लाभार्थियों को ये आवास मिले हैं, उनके घर तक पहुंचने के लिए मनरेगा के तहत सीसी रोड/खड़ंजा मार्ग और जल निकासी की उचित व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही, नि:शुल्क बिजली और गैस कनेक्शन, आयुष्मान कार्ड, शौचालय, मनरेगा के तहत मजदूरी, सहजन के पेड़ और सोलर लाइट जैसी सुविधाओं की भी योजना बनाई जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत नए लाभार्थियों के लिए सर्वे की गति तेज की जाए ताकि 31 मार्च 2025 तक सर्वे का कार्य पूरा किया जा सके। इस संबंध में आयुक्त, ग्राम्य विकास विभाग जी.एस. प्रियदर्शी ने बताया कि सभी मुख्य विकास अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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