शाही जामा मस्जिद में हुए सर्वे की रिपोर्ट आज चंदौसी कोर्ट में पेश नहीं हो सकी। कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट अभी पूरी तरह तैयार नहीं है, इस कारण अगली तारीख के लिए अपील की गई है। मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी। इस बीच सूत्रों के मुताबिक, सर्वे रिपोर्ट में कई ऐसे खुलासे हुए हैं जो हिंदू पक्ष के दावे को मजबूत करते हैं।
रिपोर्ट में हिंदू प्रतीकों का दावा
सूत्रों के अनुसार, मस्जिद परिसर में कई हिंदू प्रतीक चिन्ह मिलने का दावा किया गया है।
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पश्चिमी गेट: यहाँ द्वारपाल शैली के खंभे मिले हैं, जिन पर कलाकृतियां उकेरी गई हैं।
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दीवारों पर आले: मस्जिद में 50 आले पाए गए हैं, जिनमें हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां रखने का दावा किया गया है।
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मुख्य गुंबद: इस पर तार कलशों की आकृति और एक टूटे तीर का निशान पाया गया है।
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बरगद का पेड़: मस्जिद के आंगन में बरगद का पेड़ पाया गया, जिसे हिंदू पक्ष ने आस्था का प्रतीक बताया है।
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कुआं: पश्चिमी गेट के पास एक कुआं मिला है, जिसे अब ढक दिया गया है।
राजपूत शैली की छतरीदार मीनारें
मस्जिद की मीनारों की छतरीदार कलाकृति को राजपूत शैली बताया गया है। गुंबद के नीचे एक जंजीर पाई गई, जिसे हिंदू पक्ष ने घंटी बांधने वाली मंदिर की जंजीर बताया।
फारसी लिखावट और शिलालेख
मस्जिद के मुख्य गुंबद पर उर्दू और फारसी में लिखावट पाई गई। एक शिलालेख में लिखा है कि मस्जिद का निर्माण बाबर के आदेश पर उसके दरबारी मीर बेग ने 933 हिजरी में करवाया।
मस्जिद पर ASI का बोर्ड
मस्जिद के परिसर में एक बोर्ड मिला है, जिस पर लिखा है कि यह स्थल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की संपत्ति है और छेड़छाड़ करने पर सख्त कार्रवाई होगी।
हिंसा और विवाद की पृष्ठभूमि
24 नवंबर को सर्वे के दौरान इलाके में तनाव फैल गया। स्थानीय लोगों ने सर्वे का विरोध किया, जिससे हिंसा भड़क उठी। इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई।
हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद पहले हरिहर मंदिर थी, जिसे मस्जिद में परिवर्तित किया गया।
अगली सुनवाई 8 जनवरी को
कोर्ट कमिश्नर ने रिपोर्ट को तैयार करने के लिए समय मांगा है। इस मामले पर अब 8 जनवरी को सुनवाई होगी। इस बीच सर्वे को लेकर दोनों पक्षों के बीच तनाव बना हुआ है। प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी है।

Author: Sweta Sharma
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