संभल। संभल हिंसा के आरोपियों से सपा नेताओं की जेल में मुलाकात कराने के मामले में मुरादाबाद जेल अधीक्षक पीपी सिंह को निलंबित कर दिया गया है। शासन ने डीजी जेल पीवी रामाशास्त्री की सिफारिश पर यह सख्त कदम उठाया। इससे पहले जेलर विक्रम सिंह यादव और डिप्टी जेलर प्रवीण सिंह को भी निलंबित किया गया था। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि मुलाकात के दौरान नियमों का गंभीर उल्लंघन हुआ।
जेल का बड़ा फाटक खोला गया
जांच में सामने आया कि सपा नेताओं की मुलाकात के लिए जेल का बड़ा फाटक खोला गया, जो आमतौर पर डीएम या डीआईजी स्तर के अधिकारी के आने पर ही खोला जाता है। बंदी रक्षकों और जेल कर्मियों ने जांच के दौरान बताया कि यह आदेश जेल अधीक्षक द्वारा दिया गया था।
नियमों की अनदेखी पर हुआ खुलासा
दो दिसंबर को सपा विधायक नवाब जान, चौधरी समरपाल सिंह, पूर्व सांसद एसटी हसन समेत अन्य नेताओं ने मुरादाबाद जेल में संभल हिंसा के 24 आरोपियों से मुलाकात की। शिकायत मिलने पर शासन के निर्देश पर डीआईजी जेल कुंतल किशोर ने मामले की जांच की।
जांच में पाया गया कि सपा नेताओं को बिना अनुमति जेल में प्रवेश की अनुमति दी गई और बिना पर्ची 24 बंदियों से एक साथ मुलाकात कराई गई। नियमानुसार, एक समय में केवल एक या दो बंदी से मुलाकात हो सकती है।
कार्रवाई में तेजी
4 दिसंबर को जेलर और डिप्टी जेलर को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। वहीं, जेल अधीक्षक पीपी सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश के बाद शुक्रवार को शासन ने निलंबन का आदेश जारी किया।
सपा नेताओं की मुलाकात पर सवाल
जांच में यह भी सामने आया कि मुलाकात के बाद जेल अधीक्षक ने जेलर और डिप्टी जेलर से लिखित जवाब नहीं मांगा, जो उनकी जिम्मेदारी थी। इससे अधीक्षक की स्थिति और कमजोर हो गई।
नियम तोड़ने पर सख्ती का संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है। जेलों में नियमों के उल्लंघन और राजनीतिक हस्तक्षेप को रोकने के लिए यह कार्रवाई एक संदेश है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर तुरंत और कठोर कार्रवाई की जाएगी।

Author: Sweta Sharma
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