चंदौसी में मोहल्ला लक्ष्मणगंज में एक घर के नीचे बावड़ी की दीवार मिलने के बाद प्रशासन ने इसकी जांच शुरू कर दी है। बावड़ी को अस्तित्व में लाने के लिए प्रशासन ने बुलडोजर मंगवाया है और खोदाई का सिलसिला जारी है। इस बावड़ी का ढांचा प्राचीन प्रतीत होता है, जिससे इसके महत्व को लेकर लोग उत्सुक हैं।
खोदाई जारी
रविवार को भी बावड़ी की खोदाई जारी रही। प्रशासन ने नौंवे दिन भी इस काम को अंजाम दिया। शनिवार को जहां बावड़ी का सिरा और कुएं की तलाश में खोदाई की गई, वहीं अब एक मकान के नीचे बावड़ी की दीवार मिली है। अब प्रशासन ने इस दीवार के अस्तित्व को बरकरार रखने के लिए अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया है।
मकान के नीचे मिली बावड़ी की दीवार
ईओ कृष्ण कुमार सोनकर ने बताया कि खोदाई के दौरान एक मकान के नीचे बावड़ी की दीवार नजर आई है। यह दीवार प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करती प्रतीत हो रही है। हालांकि, मकान के अंदर तक खोदाई पूरी करने पर ही यह स्पष्ट हो सकेगा।
कुएं और अन्य सिरे की तलाश
खोदाई में काम कर रही टीमों को मकान के दूसरी ओर भी बावड़ी के सिरे की तलाश में लगाया गया है। इसके अलावा, एक टीम को ऊपरी मंजिल पर से मिट्टी हटाने का काम सौंपा गया है। अब तक बावड़ी के ऊपरी हिस्से का गलियारा लगभग साफ हो चुका है।
सीसीटीवी कैमरे लगाए गए
मोहल्ले में बावड़ी के अस्तित्व को लेकर उत्सुकता बढ़ गई है। लोगों की भारी भीड़ के कारण प्रशासन ने इस स्थल पर निगरानी के लिए तीन सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। इनमें से एक कैमरा कुएं की तरफ और दो कैमरे पीछे की दीवार पर लगाए गए हैं।
भीड़ पर नियंत्रण के लिए बैरिकेडिंग
बावड़ी देखने के लिए आने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने बैरिकेडिंग भी की है। एक ओर बांस-बल्ली से बैरिकेडिंग की गई है, जबकि दूसरी ओर सीमेंट की ईंटों से आवागमन को रोका गया है।
प्राचीन महत्व की तलाश
संभल में बावड़ी का अस्तित्व अब धीरे-धीरे सामने आ रहा है। इसकी गहराई और प्राचीनता को जानने के लिए प्रशासनिक टीम लगातार प्रयासरत है। लोगों की इसमें रुचि को देखते हुए प्रशासन इसका ऐतिहासिक महत्व बनाए रखने के लिए तत्पर है।

Author: Sweta Sharma
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