दिल्ली से वृंदावन तक 145 किमी की महायात्रा
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के नेतृत्व में “सनातन हिंदू एकता पदयात्रा 2.0” 7 नवंबर से शुरू होकर 16 नवंबर तक चलेगी। यह महायात्रा दिल्ली से वृंदावन तक लगभग 145 किलোমिटर की दूरी तय करेगी और प्रतिदिन सात शपथों के साथ आगे बढ़ेगी, इनके आयोजकों ने बताया। पदयात्रा की शुरुआत राष्ट्रगान और हनुमान चालीसा के उद्घोष के साथ होगी।
आचार्य धीरेंद्र ने आईएएनएस को बताया कि यह यात्रा किसी अन्य धर्म के विरुद्ध नहीं है, बल्कि उनका उद्देश्य हिंदू एकता और सनातनी परंपराओं की रक्षा और समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव व छुआछूत को दूर करना है। उन्होंने कहा कि यह पहल अगली पीढ़ी को जोड़ने व हिंदू पहचान मजबूत करने के इरादे से की जा रही है और इसमें किसी भी राजनीतिक दल के लोग शामिल हो सकते हैं। आयोजक दावा कर रहे हैं कि अब तक इस पदयात्रा के लिए देशभर से 40,000 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण करवाया है।
पदयात्रा के कार्यक्रम में मल्टी-पॉइंट रैली, जनसभा और सामूहिक शपथ जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं। आयोजकों ने कहा है कि यात्रा का स्वरूप शांति-प्रधान और सामाजिक समरसता पर केंद्रित रहेगा, तथा स्थानीय सामाजिक मुद्दों पर संवाद और जागरण भी किया जाएगा।
हालांकि, आचार्य धीरेंद्र के कुछ बयानों ने विवाद भी खड़ा किया है। उन्होंने मीडिया से कहा कि यह यात्रा हिंदुओं को जगाने के लिए है और कुछ वक्तव्य ऐसे भी दिए जिन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा—विशेषकर जब उन्होंने देश में “जो इस देश के नहीं हैं, उन्हें रहने का अधिकार नहीं” जैसा कथन किया। इन टिप्पणियों पर नागरिक अधिकार समूहों और विपक्षी नेताओं ने चिंता जताई है और कहा है कि ऐसे भाषण संवेदनशील साम्प्रदायिक माहौल पैदा कर सकते हैं।
आयोजकों का कहना है कि पदयात्रा का अंतिम लक्ष्य समाज में सामाजिक समरसता, जातिगत भेदभाव का अंत और सनातन परंपराओं का संवर्धन है। आयोजक यह भी जोड़ रहे हैं कि यात्रा के दौरान निर्धारित व्यवहारिक कोड-अभिव्यक्ति और सार्वजनिक शांति बनाए रखने के नियम पालन किए जाएँगे |





