[the_ad id="4133"]
Home » धर्म » सावन सोमवार और कामिका एकादशी एक साथ

सावन सोमवार और कामिका एकादशी एक साथ

“शिव + विष्णु = कल्याण का संयोग। आज के दिन रखें व्रत, करें साधना और जीवन में पाएं सौभाग्य का वरदान

निश्चय टाइम्स, डेस्क। आज का दिन हिंदू धर्म में विशेष रूप से पावन और पुण्यदायक माना जा रहा है। एक ओर सावन का दूसरा सोमवार है, जो भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित है, वहीं दूसरी ओर वैष्णव परंपरा के अनुयायी आज कामिका एकादशी का व्रत रख रहे हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दुर्लभ संयोग में शिव और विष्णु दोनों की उपासना एक साथ की जा रही है। सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इस माह के प्रत्येक सोमवार को श्रद्धालु उपवास रखकर शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा आदि अर्पित करते हैं। विशेष रूप से आज का सोमवार इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सावन का दूसरा सोमवार है। धार्मिक मान्यता है कि दूसरा सोमवार साधना की गहराई बढ़ाने वाला दिन होता है। इस दिन की गई पूजा से शिव की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है। विवाह की कामना रखने वाली कन्याओं, संतान सुख की इच्छुक स्त्रियों, और जीवन में सफलता चाहने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह दिन अत्यंत फलदायी माना गया है।

कामिका एकादशी का पुण्य फल

आज ही के दिन कामिका एकादशी भी मनाई जा रही है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन उपवास रखकर विधिपूर्वक श्रीहरि की पूजा करने से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ और तुलसी पत्र अर्पण करने से विशेष पुण्य मिलता है।

प्रदोष काल में करें शिव पूजन

शिव उपासना का सबसे श्रेष्ठ समय प्रदोष काल (सूर्यास्त से पहले और बाद का समय) माना गया है। इस काल में:

  • शिवलिंग पर जल, दूध, शहद व बेलपत्र अर्पित करें

  • दीपक जलाएं और धूप-दीप, फल, मिष्ठान आदि चढ़ाएं

  • शिव-पार्वती की संयुक्त आरती करें

  • अपनी मनोकामना मन में प्रकट कर अभिषेक व मंत्र जाप करें

धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष काल में की गई पूजा से भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं और विशेष वरदान प्रदान करते हैं। भगवान शिव के भक्त प्रायः उनका पंचाक्षरी मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का जाप करते हैं। इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना शुभ माना जाता है। वहीं, भगवान विष्णु के मंत्र जैसे “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” या “ॐ नमो नारायणाय” का जाप तुलसी या चंदन की माला से करना चाहिए। यह परंपरा मंत्र जाप को प्रभावशाली और फलदायी बनाती है।

 

ntuser1
Author: ntuser1

Share This

Post your reaction on this news

Leave a Comment

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com