स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साक्षरता दर में 1% की बढ़ोतरी से महिला मतदाताओं की चुनावी भागीदारी में 25% का उछाल आया है। रिपोर्ट के अनुसार, 2024 के लोकसभा चुनाव में 2019 की तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या में 1.8 करोड़ की वृद्धि हुई, जिसमें 45 लाख महिलाएं साक्षरता दर बढ़ने के कारण चुनावी प्रक्रिया में शामिल हुईं |
SBI की रिपोर्ट बताती है कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और स्वच्छता अभियान जैसी सरकारी योजनाओं ने महिला सशक्तिकरण में अहम भूमिका निभाई। मुद्रा योजना के तहत 36 लाख और स्वच्छता अभियान से प्रेरित होकर 21 लाख महिलाएं मतदान प्रक्रिया में शामिल हुईं। मकान पर मालिकाना हक ने भी बड़ा प्रभाव डाला, जहां प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 74% मकानों का स्वामित्व महिलाओं के पास है, जिससे 20 लाख महिलाओं की चुनावी भागीदारी बढ़ी।साफ पानी, बिजली और बुनियादी जरूरतों की उपलब्धता ने महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारते हुए उन्हें मतदान के लिए प्रेरित किया। हालांकि, इन कारकों से प्रेरित महिलाओं की संख्या अपेक्षाकृत कम रही।रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा, रोजगार और जनकल्याणकारी योजनाओं ने न केवल महिलाओं के जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाया बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को भी मजबूत किया। इससे सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव आया है।
SBI की रिपोर्ट इस बात को रेखांकित करती है कि महिला सशक्तिकरण के लिए शिक्षा और बुनियादी सुविधाएं बढ़ाना बेहद जरूरी है। इससे महिलाओं की लोकतंत्र में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होती है।
Author: Sweta Sharma
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