उन्नाव: जिले के बेहटा मजावर क्षेत्र में पांच दिन से लापता मेडिकल स्टोर संचालक अंकित पटेल (27) की लाश मंगलवार रात एक निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे के पाइप में मिली। अंकित का शव उसके गांव हरईपुर से लगभग एक किलोमीटर दूर एक सीमेंट के पाइप में छिपाया गया था, जिसके दोनों छोरों को मिट्टी से ढक दिया गया था ताकि किसी को शक न हो। लेकिन दुर्गंध फैलने पर ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद मौके पर पहुंचे अफसरों और परिजनों ने शव को बरामद किया।
अंकित हरदोई के गौसगंज (मल्लावां थाना क्षेत्र) में मेडिकल स्टोर चलाता था और रोज बाइक से घर आता-जाता था। वह 23 मई की रात लापता हो गया था। परिजनों ने 24 मई को उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। दो दिन पहले अंकित की बाइक गांव से 15 किमी दूर और मंगलवार को उसकी नंबर प्लेट और शराब की बोतलें गांव से 5 किमी दूर एक झाड़ी में मिली थीं, जिससे संदेह और गहरा गया।
मंगलवार रात करीब 8 बजे ग्रामीणों को जब एक पाइप के पास दुर्गंध आई तो पुलिस को बुलाया गया। मिट्टी हटाकर जब हाथ की अंगुली दिखाई दी और खींचने पर उखड़ गई, तो माहौल सन्नाटे में बदल गया। दो सिपाही पाइप में घुसे और शव को बाहर निकाला। अंकित के शव को देख परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। शव की हालत देखकर माना जा रहा है कि हत्या 4-5 दिन पहले की गई थी।
सीओ अरविंद चौरसिया ने बताया कि हत्या का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं है, लेकिन आशंका है कि इसमें किसी नजदीकी व्यक्ति का हाथ हो सकता है। पुलिस सभी संभावित पहलुओं की जांच कर रही है, जिनमें प्रेम प्रसंग और पैसों का लेन-देन प्रमुख बिंदु हैं। मोबाइल फोन की CDR निकाली जा रही है। क्षेत्रीय विधायक श्रीकांत कटियार भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे।
स्थानीय लोगों ने पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं। अगर गुमशुदगी दर्ज होने के बाद पुलिस सक्रिय होती, तो शायद अंकित को समय रहते बचाया जा सकता था।

Author: Sweta Sharma
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