लखनऊ। रविवार को शारदेय प्रकाशन के 10वें स्थापना दिवस पर उप्र हिंदी संस्थान में ‘पुस्तक लोकार्पण एवं शारदेय सम्मान समारोह’ हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। माँ शारदा के जन्मदिन के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता धनंजय सिंह ने की, मुख्य अतिथि डॉ. मिथिलेश दीक्षित, विशिष्ट अतिथि शिवमंगल सिंह ‘मंगल’, विशिष्ट अतिथि डॉ. मीनू खरे, विशेष अतिथि दीपक शर्मा थे। इस दौरान शारदेय प्रकाशन की पुस्तकों की भी खूब बिक्री हुई।
इस अवसर पर डॉ. मिथिलेश दीक्षित को “कृष्णा श्री सम्मान”, रजनी गुप्ता को “श्रेष्ठ टिप्पणीकार सम्मान”, सीमा गुप्ता को “शारदेय श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान”, रश्मि सिंह को “शारदेय श्रेष्ठ छात्र सम्मान” से सम्मानित किया गया।
डॉ. स्मिता मिश्र की कृति,” फिर मिलूँगी”, डॉ. निर्मला सिंह ‘निर्मल’ की कृति “इहौ कवित्त आय”, निवेदिताश्री की दो कृतियाँ” काव्य प्रसून “, यह देह पुरानी है”, वीणा पाणि की दो कृतियाँ “भाव मंजूषा” एवं ” शिवालय”, निर्मला सिंह. ‘चंद’ की पुस्तक ” गांधारी” का लोकार्पण मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया ।
मल्लिकाश्री, प्रयत्ति शंकर, रोली शंकर, विनीता मिश्रा, निवेदिताश्री, मुकेश मिश्रा ने वक्तव्य प्रस्तुत किए ।
कार्यक्रम की संयोजक एवं संस्था की अध्यक्ष निवेदिताश्री ने स्वागत किया, सुषमा प्रकाश ने वाणी वंदना की, प्रगति, इंदु सारस्वत एवं राखी अग्रवाल ने गीत प्रस्तुत किए।
संचालन अलका प्रमोद ने तथा धन्यवाद ज्ञापन विजयराज ने किया।
