निश्चय टाइम्स, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों की मांगें एक बार फिर जोर पकड़ चुकी हैं। लखनऊ के ईको गार्डन में बीते 19 दिनों से धरना दे रहे शिक्षामित्रों ने शनिवार को भूख हड़ताल शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बार-बार मांगों को उठाने के बावजूद न सरकार सुन रही है और न ही अधिकारी गंभीरता दिखा रहे हैं। तेज धूप और 40 डिग्री से ऊपर तापमान के बावजूद सैकड़ों शिक्षामित्र लगातार प्रदर्शन में जुटे हैं। भूख हड़ताल पर बैठे शिक्षामित्रों ने साफ कहा है कि अगर किसी की तबीयत बिगड़ी या अनहोनी हुई, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। प्रदर्शन कर रहे शिक्षामित्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश में करीब 50 हजार शिक्षामित्र ऐसे हैं, जिन्होंने टीईटी और सीटीईटी की परीक्षाएं पास कर ली हैं। ये सभी एनसीटीई के मानकों पर पूरी तरह से खरे उतरते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें स्थायी नौकरी नहीं दी जा रही है। कई शिक्षामित्रों का कहना है कि 20–25 साल तक सेवा देने के बाद भी वे अस्थायी स्थिति में हैं।
शिक्षामित्रों की प्रमुख मांगें हैं:
- 
उत्तराखंड और हिमाचल की तर्ज पर टीईटी उत्तीर्ण शिक्षामित्रों को स्थायी किया जाए
 - 
12 महीने का उचित मानदेय दिया जाए
 - 
चिकित्सकीय अवकाश, 14 आकस्मिक अवकाश समेत अन्य सुविधाएं मिलें
 - 
स्थायी नौकरी के लिए टीईटी पूरा करने का अवसर दिया जाए
 
“रोटी, बच्चों और बूढ़े मां-बाप के लिए आंदोलन”
प्रदर्शन में शामिल शिक्षामित्र गुड्डू ने कहा, “हम रोटी के लिए, बच्चों की पढ़ाई और बुजुर्ग माता-पिता के इलाज के लिए यहां बैठे हैं। ये आंदोलन हमारे जीवन की लड़ाई है। सरकार कब तक अनदेखी करेगी?” अब देखना यह है कि क्या योगी सरकार शिक्षामित्रों की इस जमीनी पीड़ा को सुनेगी या ये आंदोलन और तेज होगा। इस भीषण गर्मी में स्वास्थ्य विभाग लोगों को घर में रहने की अपील कर रहा है। लेकिन इस 40 डिग्री से अधिक तापमान में भी शिक्षामित्र अपने स्वास्थ्य की चिंता किए बगैर तपती भूमि पर बीते 19 दिनों से धरना देने को मजबूर हैं।
								
															
			
			




