भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच में विराट कोहली और सैम कोंस्टास के बीच हुए शारीरिक टकराव के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है। इस घटना पर भारत के महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और पूर्व खिलाड़ियों की आलोचना करते हुए उन्हें जमकर लताड़ा।
कोहली को लेकर गावस्कर का बयान
गावस्कर ने ऑस्ट्रेलियाई मीडिया द्वारा कोहली पर कड़ी सजा की मांग को अनुचित बताते हुए कहा, “आप किसी की जेब काटने के लिए उसे फांसी नहीं दे सकते।” उन्होंने कहा कि कोहली को आईसीसी द्वारा अधिकतम सजा दी गई है, और उन पर कोई विशेष रियायत नहीं की गई। मैच फीस का 20% जुर्माना और एक डिमेरिट अंक जोड़ना आईसीसी के नियमों के तहत सही है।
उन्होंने कहा, “ऑस्ट्रेलियाई मीडिया अपनी टीम के लिए 12वें या 13वें खिलाड़ी की तरह काम करता है। जिसे वह खतरा मानता है, उसे निशाना बनाता है।”
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के विचार
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने कहा कि कोहली को मिली सजा पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा, “यह दुनिया भर में देखा जाने वाला एक बड़ा मैच था। ऐसी घटनाओं पर सख्त सजा होनी चाहिए।”
मार्क वॉ ने भी कोहली पर निशाना साधते हुए कहा, “विराट को इस घटना को याद रखना चाहिए और स्वीकार करना चाहिए कि उन्होंने गलती की है। जुर्माना कम था, इसे कम से कम 75% होना चाहिए था।”
गावस्कर ने दिया तर्कपूर्ण जवाब
सुनील गावस्कर ने पिछले एक साल की घटनाओं का उदाहरण देते हुए कोहली के खिलाफ की जा रही आलोचनाओं का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि आयरलैंड के जोश लिटिल, इंग्लैंड के ओली पोप, और नेपाल के अर्जुन कुमार जैसे खिलाड़ियों को भी समान घटनाओं के लिए हल्की सजा दी गई थी।
क्या है विवाद की जड़?
चौथे टेस्ट के पहले दिन विराट कोहली और 19 वर्षीय सैम कोंस्टास के बीच मैदान पर शारीरिक टकराव हुआ। कोंस्टास ने कहा कि यह जानबूझकर नहीं था और तनाव के कारण हुआ। हालांकि, इस पर ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और पूर्व खिलाड़ियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इस विवाद ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्रिकेटीय प्रतिद्वंद्विता को और गरमा दिया है। सुनील गावस्कर ने कोहली का समर्थन करते हुए इस बहस को संतुलित करने की कोशिश की है। अब देखना होगा कि आईसीसी इस मामले पर क्या रुख अपनाता है।
Author: Sweta Sharma
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