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भारत के शुभांशु शुक्ला ने रचा इतिहास

कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरते ही दिया देशवासियों को संदेश

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दी शुभकामनाएं

निश्चय टाइम्स, डेस्क। भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने बुधवार को इतिहास रच दिया। वह अमेरिका के कैनेडी स्पेस सेंटर से एक्सिओम-4 मिशन के तहत सफलतापूर्वक अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए। उड़ान भरते ही उन्होंने देशवासियों के नाम एक भावुक संदेश भी भेजा। शुभांशु ने तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा की शुरुआत की, जिसे लेकर पूरा देश गर्व और उत्साह से भर उठा। मिशन की लॉन्चिंग कई बार टलने के बाद अंततः आज दोपहर 12 बजकर 1 मिनट पर शुभांशु और उनके अमेरिकी, पोलिश और हंगेरियन सहयोगियों ने अपनी ऐतिहासिक उड़ान भरी। इस मिशन को भारत समेत अरबों लोगों की उम्मीदों और सपनों से जोड़ा जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर सोशल मीडिया के माध्यम से शुभांशु शुक्ला को बधाई देते हुए कहा कि यह भारत के लिए गौरव का क्षण है। उन्होंने विशेष रूप से शुभांशु का उल्लेख करते हुए मिशन की सफलता की कामना की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर इस मिशन पर गर्व जताया। उन्होंने लिखा, “ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में भारत के लिए एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। पूरा देश गर्व से भरा है। यह मिशन ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना को साकार करता है, जहां भारत, अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री एक साथ कार्य कर रहे हैं।”राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि इस मिशन के तहत होने वाले वैज्ञानिक प्रयोग नए शोध और अन्वेषण के रास्ते खोलेंगे। एक्सिओम-4 मिशन भारत की वैश्विक अंतरिक्ष सहभागिता और तकनीकी क्षमता को भी दर्शाता है।

पिता शंभू शुक्ला ने जताया गर्व

शुभांशु के पिता शंभू शुक्ला, जो खुद एक सरल और सादगीपूर्ण व्यक्तित्व हैं, भावुक होते हुए बोले – “यह न केवल हमारे लिए बल्कि हमारे देश के लिए भी एक महान क्षण है। हम इस समय क्या कह सकते हैं, मेरे पास अब शब्द नहीं हैं, मेरा आशीर्वाद हमेशा मेरे बेटे के साथ है।” शुभांशु की सफलता की खुशी में उनके स्कूल, सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (CMS) ने विशेष कार्यक्रम ‘व्योमोत्सव’ का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में छात्रों ने अंतरिक्ष और विज्ञान से जुड़े मॉडल्स, प्रोजेक्ट्स और प्रस्तुतियां पेश कीं। ऑडिटोरियम परिसर को “मिनी स्पेस सेंटर” की थीम पर सजाया गया, जहां छात्रों ने “अंतरिक्ष यात्री बनो” जैसे अनुभवात्मक प्रदर्शनों का आनंद लिया। स्कूल प्रबंधन ने इसे “लखनऊ के लिए गौरव का क्षण” बताया और कहा कि शुभांशु जैसे पूर्व छात्र की उड़ान नई पीढ़ी को विज्ञान, साहस और राष्ट्रभक्ति के रास्ते पर प्रेरित करेगी। शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा अब सिर्फ एक मिशन नहीं, बल्कि युवा भारत की आकांक्षाओं की उड़ान बन चुकी है।

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Author: ntuser1

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