पैतृक घर से अंडर-19 इंडिया टीम तक का सफर
आईपीएल 2025 में अपने धमाकेदार शतक से देशभर में पहचान बना चुके समस्तीपुर के युवा क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी ने अब अंडर-19 इंडिया टीम में अपनी जगह पक्की कर ली है। महज 14 साल की उम्र में आईपीएल में खेलकर और शतक जड़कर इस बच्चे ने ना सिर्फ क्रिकेट प्रेमियों को चौंकाया, बल्कि देश के कोने-कोने से प्रशंसा भी बटोरी। लेकिन जैसे-जैसे वैभव की लोकप्रियता बढ़ी, वैसे-वैसे लोगों की जिज्ञासा उसके पारिवारिक और सामाजिक पृष्ठभूमि को लेकर भी बढ़ने लगी।
लोकल 18 की टीम वैभव के पैतृक गांव ताजपुर (ताजपुर प्रखंड, समस्तीपुर) पहुंची, जहां क्रिकेट के इस नायाब हीरे की जड़ें हैं। वैभव का घर एक साधारण दो मंजिला सीमेंटेड मकान है, जिसमें न कोई मार्बल है, न कोई डिज़ाइनर टाइल्स। यह घर उनके दादा जी ने बनवाया था। यह घर सादगी, मेहनत और जमीनी हकीकत का प्रतीक है।
बचपन से तैयार हुआ स्टार:
घर के ठीक बगल में एक नेट हाउस बना हुआ है, जहां वैभव के पिता ने उन्हें महज 4-5 साल की उम्र से क्रिकेट की ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी थी। वैभव के पिता एक समय पत्रकार रहे हैं और आज भी उनकी स्कॉर्पियो गाड़ी पर ‘प्रेस’ लिखा हुआ है।
मिट्टी से जुड़ा जीवन:
घर के पास बना एल्बेस्टर शेड और सादगी से भरे पार्किंग एरिया में कोई चमक-दमक नहीं है। परिवार के सदस्य आज भी जमीन से जुड़े जीवन में विश्वास करते हैं। वैभव की दादी अब भी स्वास्थ्यकर्मी के रूप में काम कर रही हैं और घर से ही एक उप-स्वास्थ्य केंद्र का संचालन करती हैं।
जमीनी मेहनत, ऊंची उड़ान:
वैभव की कामयाबी उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद अपने सपनों को लेकर जिद्दी हैं। उनका सफर दिखाता है कि सपनों को उड़ान देने के लिए आलीशान बंगला नहीं, बल्कि मजबूत इरादा और सच्ची लगन चाहिए।

Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.