शास्त्रों में कहा गया है कि महादेव केवल एक लोटा जल चढ़ा देने से ही प्रसन्न हो जाते हैं। वैसे तो देवाधिदेव भगवान शिव शंभो महादेव की पूजा का महत्व हर दिन होता है, लेकिन प्रदोष तिथि की पूजा का खास महत्व है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा से जीवन में समृद्धि, खुशहाली और भाग्य में वृद्धि होती है। प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि (13वीं तिथि) को हर महीने होता है। और पूजा का समय प्रदोष काल में होता है।
हिंदू धर्म में भगवान शिव को शक्ति और दिव्य शक्ति का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि प्रदोष तिथि पर भगवान शिव का अभिषेक (पानी से स्नान) दूध से करने से मन की सारी नकारात्मकता और डर समाप्त हो जाते हैं। यदि प्रदोष तिथि सोमवार को पड़ जाए। तो इसे विशेष रूप से शुभ माना जाता है। क्योंकि दोनों दिन और अवसर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अत्यधिक शुभ माने जाते हैं।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 26 जनवरी 2025 को रात 8:54 बजे शुरू होगी और 27 जनवरी 2025 को रात 8:34 बजे तक समाप्त होगी। इसलिए सोम प्रदोष व्रत 27 जनवरी 2025 को सोमवार को मनाया जाएगा। इस बार माघ मास के खास सोम प्रदोष व्रत की पूजा सोमवार, 27 जनवरी 2025 को होगी।
27 जनवरी 2025 को भगवान शिव की पूजा का सबसे शुभ समय शाम 5:56 बजे से लेकर 8:34 बजे तक होगा। इस समय के बीच भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
सोम प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति की मनचाही इच्छाएं पूरी होती हैं। और चंद्रमा से जुड़ी समस्याओं का निवारण भी होता है। यह व्रत भगवान शिव के प्रति समर्पण का प्रतीक है। और इसे करने से आर्थिक तंगी और रोग दूर होते हैं।
सोम प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसे रखने वाले व्यक्ति को पूरे दिन उपवास करना चाहिए। और शाम के समय शिव मंदिर जाकर पूजा-अर्चना करनी चाहिए। व्रत की विधि और कथा सुनने या पढ़ने से व्रत का पूरा फल प्राप्त होता है।
प्रदोष व्रत से इच्छाएं पूर्ण होती हैं, आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं, विवाह में आने वाली बाधाएं समाप्त होती हैं, और स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं।
