सियोल: दक्षिण कोरिया में हाल ही में एक विवाद खड़ा हो गया, जब देश के रक्षा मंत्री ली जोंग-सुप का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया। यह इस्तीफा एक ऐसे विवाद के बाद आया, जिसमें सरकार द्वारा घोषित किए गए मार्शल लॉ को लेकर गहरी चिंता और विरोध जताए गए थे।
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री ली जोंग-सुप ने यह कदम उठाया, जब उनके ऊपर आरोप लगाए गए कि उन्होंने बिना उचित अनुमोदन के मार्शल लॉ की घोषणा की थी, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और राजनीति में अस्थिरता पैदा हो सकती थी। दक्षिण कोरिया में एक संभावित गृह युद्ध जैसी स्थिति की अटकलें लगाई जा रही थीं, और इस पर सरकार की कार्रवाई को लेकर व्यापक चिंता व्यक्त की गई थी। इसके अलावा, विरोधी दलों और नागरिक समाज संगठनों ने भी इस कदम का विरोध किया, क्योंकि उन्होंने इसे तानाशाही के रूप में देखा।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक-योल ने ली जोंग-सुप का इस्तीफा स्वीकार करते हुए कहा कि यह कदम सरकार की गहरी समझ और जिम्मेदारी का प्रतीक है। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि देश के रक्षा मंत्रालय में बदलाव किया जाएगा और स्थिति को सामान्य करने के लिए नए उपायों पर विचार किया जाएगा।
इस घटनाक्रम के बाद, रिटायर्ड आर्मी जनरल किम यंग-ho को रक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है। किम यंग-ho का अनुभव और सैन्य पृष्ठभूमि उन्हें इस चुनौतीपूर्ण स्थिति से निपटने में सक्षम बनाएगा, क्योंकि उनका करियर और नेतृत्व कौशल सैनिकों और राष्ट्र की रक्षा के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
यह विवाद दक्षिण कोरिया में राजनीतिक अस्थिरता का प्रतीक बना, और इसे देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है। सरकार के अगले कदमों की दिशा, और रक्षा मंत्रालय के नए नेतृत्व के निर्णय, राष्ट्रीय सुरक्षा और सशस्त्र बलों के संचालन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेंगे।





