लखनऊ। संसद में गुरुवार को हुए धक्का-मुक्की से फर्रुखाबाद के सांसद मुकेश राजपूत को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी से फोन पर बात करते हुए वायरल वीडियो को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुकेश राजपूत को लेकर सोशल मीडिया पर टिप्पणी भी की है।
अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि कुछ लोगों की जिंदगी किस्सों से जुड़ी होती है, जिसमें कहानी-ही-कहानी होती है। कोई सच्चाई नहीं। जैसे कि कोई भाजपाई सांसद फर्रुखाबाद से सच में जीते थे, लेकिन सच जानने वाले जानते हैं कि वह सज्जन पुरुष वोट से नहीं बल्कि प्रशासन के बत्ती गुल करने और लाठीचार्ज करने से जीते थे। अब एक और नया किस्सा बनाया जा रहा है, जिसमें इस बार भी कोई सच्चाई नहीं है। वह एक बार अकेले में जरूर सोचें कि धक्का उनको ही क्यों लगा?
बता दें गुरुवार को संसद भवन के बाहर प्रदर्शन के दौरान लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा कथित रुप से धक्का मुक्की करने के आरोप में बीजेपी सांसद हेमांग जोशी ने उनके खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी द्वारा धक्का मुक्की करने से बीजेपी के दो सांसदों को गंभीर चोट आई है। संसद भवन के बाहर घटना होने के बाद बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज, अनुराग ठाकुर व हेमांग जोशी ने थाने पहुंच कर लिखित शिकायत दी थी।
शिकायत में हेमांग जोशी ने कहा कि संसद भवन के प्रवेश द्वार पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान साथी सांसद मुकेश राजपूत व प्रताप राव सारंगी समेत बड़ी संख्या में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के लोग मौजूद थे। विरोध विपक्षी दलों, और कांग्रेस के नेतृत्व में फैलाई जा रही गलत सूचनाओं के खिलाफ था। शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान राहुल गांधी भी वहां पहुंचे। संसद सुरक्षा से निर्धारित प्रवेश मार्ग से जाने के अनुरोध के बावजूद राहुल गांधी ने विरोध प्रदर्शन को बाधित करने और एनडीए सांसदों को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से निर्देशों की अनदेखी की।
राहुल गांधी और अन्य ने प्रदर्शनकारी सांसदों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षाकर्मियों के निर्देशों का उल्लंघन किया। उन्होंने संसद सदस्य मुकेश राजपूत, प्रताप राव सारंगी और अन्य को धक्का देने के लिए जानबूझकर शारीरिक बल का प्रयोग किया। एफआईआर में उन्होंने लिखा कि राहुल गांधी की हरकतें जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण इरादे से की थीं। उन्हें संभावित परिणामों की पूरी जानकारी थी। उन्होंने न केवल आईएनडीआई गठबंधन के अपने साथी सदस्यों को आक्रामक तरीके से काम करने के लिए उकसाया, बल्कि बीजेपी सांसदों को शारीरिक नुकसान भी पहुंचाया है।
