लखनऊ/सीतापुर, 23 सितम्बर 2025 – समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान आखिरकार 23 महीने बाद जेल से रिहा हो गए। सीतापुर जेल से बाहर आते ही उन्होंने हाथ हिलाकर समर्थकों का अभिवादन किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और नेता मौजूद रहे।
रिहाई में आई बाधा:
आजम की रिहाई सुबह 9 बजे तय थी, लेकिन रामपुर कोर्ट में चल रहे एक केस में 6,000 रुपये का जुर्माना बाकी होने से प्रक्रिया अटक गई। कोर्ट खुलने पर रिश्तेदार फरहान उल्ला खान ने जुर्माने की रकम जमा की और ई-मेल से सूचना जेल प्रशासन तक पहुंची। इसके बाद आजम खान की रिहाई संभव हो सकी। इससे पहले हाईकोर्ट ने उन्हें बार पर कब्जे से जुड़े मामले में जमानत दी थी। हालांकि पुलिस ने शत्रु संपत्ति मामले में नई धाराएं जोड़ दी थीं, जिन्हें 20 सितम्बर को रामपुर कोर्ट ने खारिज कर दिया। यह आखिरी मुकदमा था, जिससे रिहाई का रास्ता साफ हुआ।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:
सपा नेता शिवपाल यादव ने कहा कि सरकार ने आजम खान को गलत सजा दी थी, लेकिन अदालत ने न्याय किया है। वहीं मुरादाबाद से सपा सांसद रुचि वीरा ने रिहाई को ऐतिहासिक पल बताते हुए कहा कि आजम साहब ने सपा को अपने खून-पसीने से सींचा है। उन्होंने कहा कि उनके चाहने वालों और कार्यकर्ताओं के लिए यह खुशी का दिन है।
जेल के बाहर माहौल:
आजम खान को लेने पहुंचे कार्यकर्ताओं की भीड़ से ट्रैफिक प्रभावित हुआ। पुलिस ने नो-पार्किंग जोन में खड़ी 25 गाड़ियों का चालान कर दिया। इस दौरान सांसद रुचि वीरा और पुलिस के बीच बहस भी हुई, जब उनकी गाड़ी को जेल की ओर जाने से रोका गया।
आजम खान का राजनीतिक भविष्य:
आजम खान के बसपा में जाने की अटकलों पर रुचि वीरा ने कहा कि वह सपा के संस्थापक नेता हैं और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव उनका सम्मान करते हैं। उन्होंने साफ किया कि आजम खान के दूसरी पार्टी में जाने की संभावना कम है।
न्यायपालिका और समर्थकों की जीत:
आजम खान की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद रिहाई को उनके समर्थक जीत मान रहे हैं। रिहाई के मौके पर उनके बेटे अदीब ने कहा, “आज के हीरो आजम साहब हैं।” समर्थकों का कहना है कि जितना जुल्म आजम खान पर हुआ, उतना किसी और पर नहीं हुआ।
