मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) ने प्रत्याशी को लेकर चल रही सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए अजीत प्रसाद पर दांव लगाया है। रविवार को लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित जिले के सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की बैठक में अजीत प्रसाद के नाम पर आम सहमति बनने के बाद इस निर्णय की घोषणा की गई। बैठक में सभी नेताओं ने एकजुट होकर मिल्कीपुर उपचुनाव जीतने का संकल्प लिया।
इस उपचुनाव की आवश्यकता मिल्कीपुर के पूर्व विधायक अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के बाद पड़ी है। यह सीट सुरक्षित श्रेणी में आती है, और पार्टी ने पहले ही सांसद पुत्र अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाने के संकेत दिए थे। हालांकि, दो अन्य नेता भी अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे। प्रत्याशी पर अंतिम निर्णय लेने के लिए रविवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने लखनऊ कार्यालय में पार्टी के सभी पूर्व विधायकों, पदाधिकारियों, बूथ और सेक्टर एजेंटों समेत लगभग 700 लोगों के साथ बैठक की। इस दौरान सभी से सुझाव मांगे गए, और अजीत प्रसाद के नाम पर सर्वसम्मति बनने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सभी को आपसी मतभेद भुलाकर चुनाव जिताने पर जोर दिया।
जिलाध्यक्ष पारसनाथ यादव ने बताया कि बैठक में अजीत प्रसाद के नाम पर सहमति बनने के तुरंत बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उनकी उम्मीदवारी की घोषणा कर दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि समाजवादी पार्टी में किसी भी प्रकार का आंतरिक मतभेद नहीं है और मिल्कीपुर सीट पर सपा की जीत सुनिश्चित है।
इस बीच, लोकसभा चुनाव से नाराज चल रहे पूर्व विधायक आनंदसेन यादव भी बैठक में शामिल हुए। दो बार मिल्कीपुर विधानसभा से विधायक रहे आनंदसेन यादव का क्षेत्र में प्रभावशाली पकड़ रही है। उनके समर्थन के बिना पार्टी के लिए यह सीट जीतना मुश्किल माना जा रहा था। बैठक के दौरान आनंदसेन यादव ने भी सभी अटकलों को खारिज करते हुए अजीत प्रसाद का समर्थन किया और चुनाव में पार्टी की जीत का दावा किया।
समाजवादी पार्टी ने मिल्कीपुर उपचुनाव में अपनी रणनीति साफ कर दी है। अजीत प्रसाद को प्रत्याशी बनाकर पार्टी ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि पार्टी में एकजुटता है और चुनावी मैदान में पूरी तैयारी के साथ उतरने की तत्परता है।





