पानीपत पुलिस द्वारा पकड़े गए जासूसी के आरोपी नोमान इलाही से लगातार पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है। नोमान ने कबूल किया है कि वह वर्ष 2017 में अवैध रूप से पाकिस्तान गया था, जबकि उसके पासपोर्ट की वैधता 2010 में ही खत्म हो चुकी थी। हालांकि नोमान ने पाकिस्तान यात्रा के दौरान वहां किससे मिला, कहां रुका या क्यों गया, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। इससे पुलिस को शक है कि नोमान ISI एजेंटों से संपर्क में था और वहां जासूसी का प्रशिक्षण लेने गया था।
नोमान को 13 मई को गिरफ्तार किया गया था। उस पर पाकिस्तान को सैन्य गतिविधियों की जानकारी लीक करने और ISI हैंडलरों दिलशाद मिर्जा और इकबाल काना को सूचनाएं भेजने का आरोप है। पुलिस ने उसे 7 दिन की रिमांड पर लिया है और इस दौरान उसके कैराना स्थित घर पर छापेमारी भी की। छापेमारी में 6 पासपोर्ट बरामद हुए, जिनमें से 3 उसके परिवार के और बाकी कैराना के एक अन्य सिख परिवार के थे। जांच में सामने आया कि नोमान 2017 में भी पाकिस्तान गया था, और वह यात्रा अवैध रूप से बिना वैध दस्तावेजों के की गई थी। पुलिस अब उस वक्त की मोबाइल लोकेशन, यात्रा के माध्यम और संपर्क सूत्रों की जांच में जुटी है। इसके लिए विशेष एजेंसियों का सहयोग लिया जा रहा है।
नोमान को पाकिस्तान से सीधे पैसे नहीं मिले, बल्कि दिल्ली और आसपास के शहरों के बैंक खातों के जरिये फंडिंग की गई। इन खातों की जांच में 12 संदिग्ध खातों की पहचान हुई है। नोमान के संपर्क दिल्ली, मुजफ्फरनगर, देहरादून और सहारनपुर के कुछ संदिग्ध युवकों से भी मिले हैं। नोमान के भाई जीशान की भी तलाश की जा रही है, जो हाल ही में सहारनपुर में देखा गया था लेकिन अब लापता है। पासपोर्ट धारकों से पूछताछ में कोई आपराधिक संबंध नहीं पाया गया, उन्हें क्लीन चिट दे दी गई है।

Author: Sweta Sharma
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