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बीजेपी सरकार की ताकत: युवाओं की मांगें और नया बजट

23 जुलाई को मोदी सरकर 3.0 के कार्यकाल का पहला बजट केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। देशवासी इस बजट से बहुत उम्मीदें रखते हैं। बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार बजट में कई सौगातें दे सकती है। NDTV ने आगामी बजट को लेकर महिलाओं, युवाओं और आम जनता से पूछा कि वे बजट से क्या चाहते हैं और उम्मीदें और अपेक्षाएं रखते हैं। जवाब में सभी ने वित्त मंत्री से अपनी इच्छा व्यक्त की। वित्त मंत्री से महिलाओं की उम्मीदें है

बजट को लेकर कई महिलाओं ने अपनी आशा व्यक्त की है। एक महिला ने कहा कि सरकार को होटल के कमरे और धर्मशालाओं पर जीएसटी में रियायत देनी चाहिए। साथ ही, उन् होंने डेयरी उत्पादों और पैकेजेड खाद्य पदार्थों पर जीएसटी को कम करने की मांग की है। उन् होंने कहा कि पीएम सूर्यघर कार्यक्रम सही ढंग से लागू नहीं हो रहा है। उन् होंने कहा कि सुविधाओं और उनके लाभों को तुरंत प्राप्त करना चाहिए।

और एक महिला ने कहा कि हाउसिंग लोन में इंटरेस् ट डिडेक् शन के नए टैक्स प्रणाली से सैलेरी पाने वाले कर्मचारी को कोई लाभ नहीं मिलेगा। उन् होंने कहा कि मोदी सरकार से अनुरोध है कि वह इसका लाभ उठाए।

वहीं, एक महिला कर्मचारी ने बताया कि 2016 से प्रस् तावित आठवां वेतन आयोग अभी तक नहीं आया है। इससे सैलेरी पाने वाले कर्मचारियों को फायदा होगा। उन् होंने मोदी सरकार से इस पर काम करने और जल्द ही इसे लागू करने की मांग की।

और एक महिला ने कहा कि एमएसएमई में पंजीकृत लोगों को फास्ट ट्रैक पर लोन मिलना चाहिए। साथ ही, उन् होंने कहा कि सरकार जो भी योजनाएं शुरू करे, उसे व्यवस्थित रूप से जल्द ही पूरा करने की कोशिश की जाए।

बजट से युवाओं को बहुत अपेक्षाएं हैं। एक युवा ने कहा कि इस साल सरकार ने शिक्षा के लिए 1,13,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, लेकिन मैं नहीं मानता कि इतना धन शिक्षा क्षेत्र में खर्च होता है। उन् होंने कहा कि जब आप टियर-टू और टियर-3 शहरों में जाते हैं, तो केंद्रीय विद्यालयों की स्थिति पूरी तरह से खराब है। इसलिए सरकार को शिक्षा की गुणवत्ता पर फोकस करना चाहिए.

एक और विद्यार्थी ने कहा कि हर जगह शिक्षा की बड़ी भूमिका होती है। इसलिए शुल्क सही होना चाहिए। उन् होंने कहा कि बच्चों की फीस इतनी अधिक होती है कि एक आदमी को अपने भविष्य के लिए कुछ नहीं बचता। यही नहीं, एक युवा ने कहा कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के लिए बहुत कुछ कर सकती है। उन् होंने कहा कि मुफ्त देना अच्छा नहीं है।

बजट से प्रवासी कर्मचारियों की उम्मीद है

बजट को लेकर प्रवासी कर्मचारियों ने भी अपनी उम्मीदें व्यक्त की हैं। नौकरी की तलाश में उत्तर प्रदेश से दिल्ली आए एक व्यक्ति ने कहा कि हमारे राज्य में काम नहीं है, इसलिए उन्हें यहीं आना चाहिए था।

वहीं एक व्यक्ति ने कहा कि नौकरी के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है। यहाँ पैसे खर्च होते हैं। यदि सरकार काम देती तो हमें यहाँ नहीं आना पड़ा।

व्यापारी और कर्मचारी ने क्या कहा

व्यापारियों और कर्मचारियों ने भी आगामी बजट पर अपने विचार व्यक्त किए। एक व्यक्ति ने कहा कि इस बार सरकार से अधिक उम्मीदें हैं। उन् होंने कहा कि मध्यवर्गीय कर्मचारियों के लिए घरेलू दरें बढ़ानी चाहिए। वहीं, एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि सरकार होम लोन को कम करना चाहिए। हर चीज महंगी हो रही है, जिसके बारे में भी सरकार को विचार करना चाहिए।

महंगाई ने बहुत से कर्मचारियों को परेशान कर दिया। एक व्यक्ति ने कहा कि बजट कॉमन मैन के लिए बनाया जाना चाहिए, न कि उनके वर्ग के लोगों के लिए। उन् होंने कहा कि महंगाई काफी बढ़ी हुई है, जिससे काफी परेशानी होती है। यहां तक कि सिलेंडर सब्सिडी के बाद भी महिलाओं का घर का बजट कमजोर है। साथ ही, एक व्यक्ति ने आयकर छूट की सीमा को बढ़ाने की मांग की।

एक व्यक्ति ने कहा कि वित्त मंत्री एक ऐसा बजट पेश करे जो गरीबों को लाभ दे। अब खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है। स्थिति बहुत खराब है।

यही कारण है कि एक व्यापारी ने कहा कि जीएसटी में रियायत की जरूरत है। महंगाई अपार है। साथ ही, उन्होंने कहा कि फुटफॉल की मांग बहुत कम हो चुकी है।

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Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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