लखनऊ। सावन का पावन महीना 11 जुलाई 2025 से आरंभ हो रहा है। इस दौरान हजारों की संख्या में कांवड़ यात्री (कांवड़िये) जिले से गुजरते हैं और शिवालयों में जलाभिषेक करते हैं। यात्रियों की सुरक्षा, विशेषकर भोजन की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग (FSDA) ने सख्त कार्य योजना तैयार की है।
खास निगरानी रूट और नियमावली:
कांवड़ रूट और मिश्रित आबादी वाले इलाकों में संचालित होटलों, ढाबों व रेस्टोरेंट्स के लिए विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी प्रतिष्ठानों को मूल्य सूची (रेट लिस्ट), फूड लाइसेंस, मालिक का पहचान पत्र, फूड सेफ्टी सर्टिफिकेट और फूड सेफ्टी क्यूआर कोड प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा। इस क्यूआर कोड को स्कैन कर यात्री प्रतिष्ठान की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
भंडारों की भी होगी जांच:
कांवड़ रूट पर विभिन्न स्थानों पर लगने वाले भंडारों में बनने वाले प्रसाद और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की भी एफएसडीए की टीमें जांच करेंगी। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी अक्षय गोयल ने बताया कि इस अभियान के तहत पांच जांच टीमों का गठन किया गया है। इन टीमों का नेतृत्व फूड इंस्पेक्टर करेंगे। यदि किसी भी प्रतिष्ठान में निर्धारित मानक पूरे नहीं पाए गए तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
लक्ष्य है कि श्रद्धालुओं को शुद्ध, सुरक्षित और संतुलित भोजन मिले और किसी भी तरह की स्वास्थ्य संबंधित परेशानी से उन्हें न गुजरना पड़े।
Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.





