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वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पर लोकसभा में जोरदार बहस

विपक्ष ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में बुधवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई। इस दौरान केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लोकसभा में पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य 1995 के वक्फ अधिनियम में संशोधन करना है। सरकार का कहना है कि यह संशोधन पारदर्शिता और न्यायिक प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए आवश्यक है। हालाँकि, विपक्ष ने इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। वक्फ संशोधन विधेयक 2025 का मुख्य उद्देश्य देशभर में वक्फ संपत्तियों की पहचान, संरक्षण और प्रबंधन में पारदर्शिता लाना है। सरकार का दावा है कि वक्फ बोर्डों के कामकाज में सुधार लाकर वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग रोका जाएगा। संशोधन के तहत वक्फ संपत्तियों का एक केंद्रीकृत डेटाबेस तैयार किया जाएगा और संपत्ति विवादों का निपटारा तेजी से किया जाएगा।

भाजपा-कांग्रेस में टकराव

विधेयक को लेकर संसद में जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि सरकार इस विधेयक के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय की संपत्तियों पर नियंत्रण पाना चाहती है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “यह विधेयक भाजपा की उस नीति का हिस्सा है जिसमें अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। सरकार को बताना चाहिए कि इन संशोधनों की आवश्यकता क्यों पड़ी।”

अखिलेश यादव का हमला

समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने भाजपा पर तीखे प्रहार करते हुए कहा, “बीजेपी जब भी कोई नया विधेयक लाती है, तो अपनी नाकामी को छुपाती है। मुस्लिम भाइयों की ज़मीन की पहचान के नाम पर महाकुंभ में लापता हुए हिंदुओं के मुद्दे को दबाया जा रहा है। सरकार को यह भी बताना चाहिए कि करीब 1000 हिंदू जो महाकुंभ में लापता हुए, उनकी सूची कहां है।”

ओवैसी का विरोध

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी विधेयक का विरोध करते हुए कहा, “यह मुसलमानों की संपत्तियों पर कब्जा करने की साजिश है। सरकार का असली मकसद मुसलमानों को हाशिये पर धकेलना है। वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण और उनके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में गड़बड़ी है।”

सरकार का पक्ष

विधेयक पर तीखी आलोचना का जवाब देते हुए किरेन रिजिजू ने कहा, “यह विधेयक पारदर्शिता लाने के लिए है। वक्फ संपत्तियों के संरक्षण में जो कमियाँ पाई गई थीं, उन्हें दूर करना हमारा कर्तव्य है। विपक्ष सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे को भटका रहा है।” विधेयक पर चर्चा के दौरान कई बार सदन में हंगामा हुआ। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने वेल में आकर नारेबाजी की। अध्यक्ष ओम बिरला ने कई बार सदस्यों से शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन हंगामा जारी रहा।

 

 

 

Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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