चुनावों के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय बैलेट पेपर के इस्तेमाल की मांग करने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि हारने पर ईवीएम पर सवाल उठाए जाते हैं, लेकिन जीतने पर कोई आपत्ति नहीं जताई जाती।
“हम इसे कैसे स्वीकार करें?”
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने याचिकाकर्ता से पूछा, “जब चुनाव हारे तो ईवीएम पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया और जब जीत गए तो कोई सवाल नहीं किया। हम इस मामले को कैसे देख सकते हैं?” इसके बाद अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया।
चंद्रबाबू नायडू और जगन मोहन रेड्डी का जिक्र
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि चंद्रबाबू नायडू और वाईएस जगन मोहन रेड्डी जैसे प्रमुख नेताओं ने भी ईवीएम से छेड़छाड़ को लेकर चिंता जाहिर की थी। इस पर बेंच ने टिप्पणी करते हुए याचिका को निराधार बताया।
पहले भी उठे हैं सवाल
देश में ईवीएम की सुरक्षा और पारदर्शिता को लेकर कई बार विवाद हुआ है। विपक्षी दलों का कहना है कि ईवीएम के जरिए चुनाव परिणामों में गड़बड़ी की जा सकती है। हालांकि, चुनाव आयोग ने बार-बार स्पष्ट किया है कि ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित और भरोसेमंद हैं।
सुप्रीम कोर्ट का नजरिया
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल हारने की स्थिति में ईवीएम पर सवाल उठाना उचित नहीं है। अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए चुनावों में ईवीएम के उपयोग को सही ठहराया।
इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि देश में फिलहाल चुनाव प्रक्रिया में ईवीएम का उपयोग जारी रहेगा।

Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.