मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर की पॉक्सो कोर्ट ने नौ साल पुराने मामले में फैसला सुनाते हुए आरोपी दीपक उर्फ काका को दोषी करार दिया और उसे 10 साल की कठोर सजा के साथ 10 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। ये सजा नाबालिग फुफेरी बहन के साथ बलात्कार के मामले में दी गई है। अदालत के न्यायाधीश अंजनी कुमार सिंह ने गुरुवार को इस मामले में सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता विनय कुमार अरोरा और मनमोहन ने पैरवी की।
ये मामला अक्टूबर 2016 का है, जब शामली जिले की आदर्श मंडी कोतवाली (तब यह मुजफ्फरनगर जिले में आता थी) में एक महिला ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। महिला ने अपने सगे भाई सुधीर के बेटे दीपक उर्फ काका पर गंभीर आरोप लगाए थे। महिला का कहना था कि एक अक्टूबर को वह बाजार में सामान लेने गई थी, तब उसके भतीजे दीपक ने उसकी 17 साल की नाबालिग बेटी को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया। महिला ने जब अपनी बेटी को वापस लाने के लिए अपने भाईयों से मदद मांगी, तो उन्हें कोई मदद नहीं मिली। करीब 15 दिन बाद महिला ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके बाद आरोपी दीपक को गिरफ्तार कर लिया गया और पीड़िता को बरामद किया गया।
पीड़िता ने अपनी गवाही में बताया कि आरोपी उसे कभी ज्वालापुर की धर्मशाला तो कभी सहारनपुर में लेकर घूमा रहा और इस दौरान दीपक ने उसके साथ कई बार जबरन संबंध बनाए। आरोपी ने पीड़िता को धमकी भी दी थी, ताकि वह मामले को किसी से न बताए। गवाहों और सबूतों के आधार पर अदालत ने आरोपी दीपक उर्फ काका को दोषी ठहराया और उसे सजा सुनाई।
